जम्मू कश्मीर शहरी निकाय चुनाव प्रक्रिया खत्म, घाटी के 2 जिलों तक सिमटी पीडीपी और एनसी की राजनीतिक दुकान
   16-अक्तूबर-2018

 
मंगलवार को जम्मू कश्मीर म्यूनिसिपल इलेक्शन के चौथे चरण के मतदान की समाप्ति के साथ ही उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला बैलेट बॉक्स में बंद हो गया। चौथे चरण में श्रीनगर में 4 प्रतिशत औऱ गांदरबल 11.3 प्रतिशत पोलिंग हुई। अब 20 अक्टूबर को मतगणना की जायेगी। जिसके लिए राज्य के तमाम 22 राज्यों में सुरक्षा और व्यवस्था से संबंधित तमाम व्यवस्था कर दी गई है।
 
 
जम्मू औऱ लद्दाख में भारी मतदान
 
 
जम्मू औऱ लद्दाख के ज्यादातर निकाय़ चुनावों की वोटिंग पहले दो चरणों में ही पूरी कर ली गई थी। जहां तमाम वार्डों पर झमाझम पोलिंग दर्ज की गयी। तमाम चरणों की प्रक्रिया खत्म होने के बाद में जम्मू संभाग के 10 जिलों में औसत 66.8 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। वहीं लद्दाख संभाग में पोलिंग प्रतिशत 77.26 रहा।
 
दोनों संभागों के पहले दो चरणों का वोट प्रतिशत इस प्रकार रहा।
 


 
 
 
 
 

कश्मीर घाटी में भी बंदूक पर बैलेट भारी, पीडीपी और एनसी की दुकान पर ताला
 
 
कश्मीर घाटी के लोगों ने शहरी निकाय चुनावों में साबित कर दिया कि वो आतंकी धमकियों से अब औऱ ड़रने वाले नहीं हैं। राज्य में पीडीपी औऱ नेशनल कांफ्रेंस की राजनीतिक दुकान सिर्फ 2-3 जिलों में सिमटकर रह गयी है। हालांकि पूरे चुनाव के दौरान मीडिया द्वारा ये खबरें फैलायी गई कि कश्मीर घाटी में लोग मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं। पोलिंग प्रतिशत डबल डिज़िट तक नहीं पहुंच पा रहा है। लेकिन यहां दिये गये आंकड़ों से आप आसानी से समझ सकते हैं कि कैसे मीडिया के जरिये कश्मीर में लोकतंत्र की हकीकत तोड़-मरोड़कर पेश की जाती है।
 

 
 
यानि उत्तरी कश्मीर में ना सिर्फ उम्मीद से बेहतर मतदान हुआ बल्कि सुंबल, उड़ी जैसे इलाकों में मतदान प्रतिशत 80 फीसदी के करीब रहा। वहीं साउथ कश्मीर के 3 जिलों कुलगाम, पुलवामा औऱ शोपियां में पोलिंग हुई ही नहीं। क्योंकि यहां ज्यादातर वार्ड़ों पर बीजेपी पहले ही निर्विरोध जीत हासिल कर चुकी है। यानि बचे सिर्फ 2 ज़िले, श्रीनगर और अनंतनाग। जहां पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के चुनाव बहिष्कार ने असर दिखाया। इनमें श्रीनगर में कुल मतदान 4 प्रतिशत और अनंतनाग में 3.2 प्रतिशत ही रहा।
दरअसल आर्टिकल 35ए के मुद्दे पर पीडीपी, नेशनल कांफ्रेंस और अलगाववादियों ने चुनाव बहिषकार की घोषणा की थी। साथ ही आतंकवादियों ने भी उम्मीदवारों और लोगों को धमकियां दी थी कि चुनाव में हिस्सा लेने वालों की हत्या कर दी जायेगी। घर जला दिये जायेंगे। घाटी में घरों की दीवारों पर धमकी भरे संदेश लिख दिये गये थे।
 


 
दीवार पर लिखी है  वोट करने पर घर जलाने की धमकी 
 
 
जम्मू कश्मीर में बीजेपी की बल्ले-बल्ले
 
 
राज्य के तमाम शहरी निकायों में इस बार बीजेपी का कब्ज़ा साफ दिखायी दे रहा है। कश्मीर घाटी में भी बीजेपी की लॉटरी लगती दिख रही है। घाटी में 60 से ज्यादा वार्ड़ो पर बीजेपी के उम्मीदवार निर्विरोध चुने गये हैं। ये उम्मीदवार पुलवामा, कुलगाम औऱ शोपियां जिले में चुने गये हैं। यानि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के गढ़ साउथ कश्मीर के शहरी निकायों में अब बीजेपी की सत्ता होगी। यानि पीडीपी औऱ नेशनल कांफ्रेंस के लिए ये दोहरी मार है। एक तरफ बहिष्कार का तिरस्कार और दूसरी तरफ घर की सत्ता पर बीजेपी का कब्ज़ा।