IMF ने पाकिस्तान को दिखाया ठेंगा, बेइज्जत पाकिस्तान ने कहा नहीं चाहिए IMF से लोन
   18-अक्तूबर-2018


 
दिवालिया होने की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्तान को दुनिया का कोई देश या संस्था कर्ज़ देने को तैयार नहीं है। हाल में ही पाकिस्तान ने आईएमएफ यानि इंटरनैशलन मॉनिट्री फंड से 15 अरब डॉलर का कर्ज़ लेने की गुहार लगाई थी। लेकिन खबरों के मुताबिक आईएमएफ ने पाकिस्तान बिना शर्त कर्ज़ देने से साफ मना कर दिया है। इसके लिए पिछले हफ्ते पाकिस्तान के फायनेंस मिनिस्टर असद उमर ने आईएमएफ चीफ क्रिस्टीन लगार्द से भी मुलाकात की थी। तभी आईएमएफ ने कुछ ऐसी शर्तें रख दी थी मसलन पाकिस्तान को बताना पड़ेगा कि चीन का कितना कर्ज पाकिस्तान के चुकाना है। साथ ही ये भी आईएमएफ ने साफ कर दिया था कि दिये जाने वाले कर्ज का पैसा पाकिस्तान सूद के तौर पर चीन को अदा नहीं करेगा।
 

 
 
पाकिस्तान चौरतफा अपनी किरकिरी होते देख आईएमएफ से थोड़ी रियायत की मांग की। लेकिन सूत्रों के मुताबिक आईएमएफ ने साफ कर दिया है अगर शर्तें नहीं मानी गई कर्ज नहीं दिया जायेगा। आईएमएफ के स्पष्ट रवैये से भन्नाये पाकिस्तान ने बुधवार को एक बार फिर अपनी अवाम को बताया कि वो आईएमएफ से कर्ज ने मांगेंगे। पाकिस्तान में इस ऊहापोह पर इमरान सरकार की जमकर खिंचाई हो रही है।
 

 
 
यहां आपको बता दें कि पाकिस्तान के यार-दिलदार-जांनिसार मुल्क चीन और सऊदी अरब ने पहले ही पाकिस्तान के झोली में और डॉलर डालने से मना कर दिया है। यहां तक चीन ने दिये गये कर्ज के ब्याज़ अदायगी की तारीख बीच जाने पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि चीन पाकिस्तान से नाराज़ है क्योकिं अमेरिका के दबाव में पाकिस्तान ने सीपेक यानि चाइना-पाकिस्तान इकॉनोमिक कोरिडोर के निर्माण का रिव्यू करने की घोषणा कर दी थी। जिसका सीधा मतलब ये है कि पाकिस्तान में बन रहे सीपेक के आगामी तमाम निर्माण योजनाएं खतरे में पड़ सकते हैं। लिहाजा चीन पाकिस्तान पर कर्ज के बहाने कूटनीतिक दबाव बढ़ा रहा है। ऐसे में लगभग वेनेजुएला देश की तरह दिवालिया होने की कगार पर पहुंते पाकिस्तान को समझ नहीं आ रहा वो जाये तो जाये कहां।
 

 
 
खबरों के मुताबकि पाकिस्तान ने दूसरे दर्जें के अमीर मुस्लिम मुल्क तुर्की और मोरक्को से कर्ज़ मांगने की तैयारी कर ली है। अब देखना ये है कि क्या ये देश पाकिस्तान की मदद करेंगे या सबकी तरह ठेंगा दिखा देंगे।