जम्मू-कश्मीर में म्यूनिसिपल और पंचायत चुनाव में रोज़ाना नये नये रंग देखने को मिल रहे हैं। श्रीनगर ने, बीजेपी ने एक ऐसे शख्स को दिया है, जो कभी आतंकी संगठन से जुड़ा था और वह अपनी जेल कीसजा भी काट चुका है। लेकिन फिलहाल भटके हुए युवाओं को सही राह पर लाने की कोशिश में जुटा हुआ है। बीजेपी के इस उम्मीदवार का नाम है मोहम्मद फारूक खान।
उन्होंने कहा कि मैं जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट और हरकत-उल-मुजाहिदीन में था. जेल से बाहर आने के बाद, मैंने पूर्व आतंकवादियों के पुनर्वास के लिए जम्मू-कश्मीर मानव कल्याण संगठन का गठन किया. किसी ने मुझे समर्थन नहीं दिया, यहां तक कि वे भी नहीं, जिनके लिए मैंने बंदूक उठाई थी. मुझे नहीं पता था कि वे केवल नोट्स गिन रहे थे.
उन्होंने कहा कि लोग मुझे पहले भी गालियां दे रहे थे और आज जब मैं शांति के लिए काम कर रहा हूं, तब भी मुझे गालियां मिल रही हैं. मैं पूर्व-आतंकवादियों और उनके बच्चों के पुनर्वास और उनकी पढ़ाई के लिए अपनी कमाई खर्च करूंगा और सबको जीतूंगा. उन्होंने कहा कि मैंने पुनर्वास नीति पर आत्मसमर्पण नहीं किया.
इससे पहले घाटी में चुनावों को लेकर सत्यपाल मलिक ने कहा था कि पीडीपी और एनसी दोनों ही पार्टी बॉयकाट कर विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही हैं. इन दोनों पार्टी के कैंडिडेट्स बिना सिंबल के इनके समर्थन से चुनाव लड़ेंगे, ये सिर्फ दिखावा कर रहे हैं. हमने सुरक्षा के सारे इंतज़ाम कर लिए हैं. हम हर कैंडिडेट का 10 लाख का बीमा कर रहे हैं. बता दें कि जम्मू-कश्मीर में स्थानीय चुनाव होने हैं. हालांकि, इससे पहले कई पार्टियों ने इस चुनाव को बहिष्कार करने का भी ऐलान किया है.