मुल्लों के डर से आसिया पहुंची कनाडा, हाफिज़ सईद भी सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे, पाक आर्मी ने झाड़ा पल्ला
   02-नवंबर-2018





पाकिस्तान में इन दिनों कुछ भी सही नहीं चल रहा। कर्ज़ के बोझ़ से दबे पाकिस्तान को बाहर निकालने के लिए पीएम इमरान खान दर-दर भटक रहे हैं कि आसिया बीबी को सुप्रीम कोर्ट द्वारा ब्लासफेमी के आरोप में बरी किये जाने के बाद पाकिस्तान के तमाम शहरों में मुल्लाओं कहर बरपा दिया है। तहरीक-ए-लब्बैक के हिंसक प्रदर्शनों के बीच आज खबर आयी कि पाकिस्तान में आसिया बीबी के जान के खतरे को देखते हुए खुफिया एजेंसियों ने उसको कनाड़ा पहुंचा दिया गया है। जहां उसकी फैमिली पहले से मौजूद है। हालांकि इस खबर की पुष्टि सरकार ने अब तक नहीं की है।


उधर अमेरिका औऱ यूरोप द्वारा नामित आतंकी संगठन हाफिज सईद की जमात-उद-दावा ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने की घोषणा कर दी है। इसके अलावा जमाते-उलेमा-ए-इस्लाम ने भी सड़क पर उतरने का ऐलान कर दिया है।




पाकिस्तान का नया सिरदर्द खादिम रिज़वी और हाफिज़ सईद 


इस बीच विरोध प्रदर्शन के तीसरे दिन भी तहरीक-ए-लब्बैक के आशिकों ने पाकिस्तान के तमाम शहरों में प्रदर्शन किया औऱ जमकर पब्लिक प्रॉपर्टी में तोड़फोड़ की। सबसे ज्यादा असर लाहौर, इस्माबाद, पेशावर, कराची में देखने को मिला। लिहाजा देशभर के तमाम बड़े शहरों में धारा-144 लागू कर दी गई है, जो 10 नवंबर तक रहेगी। इमरान खान की चेतावनी के बावजूद भी तहरीक-ए-लब्बैक के खादिम रिजवी ने प्रदर्शन से पीछे न हटने का ऐलान कर दिया है।

पाकिस्तान में अलग-अलग शहरों में विरोध प्रदर्शन की तस्वीरें।























पिछले 3 में मुल्लाओं द्वारा हिंसक प्रदर्शनों औऱ आर्मी में बगावत का ऐलान करने के बावजूद भी आर्मी ने आखिरकार अपना पल्ला झाड़ लिया। पाकिस्तान के डीजी आईएसपीआर मेजर जनरल आसिफ गफूर ने टीवी पर सफाई दी कि आर्मी का आसिया बीबी की रिहाई में कोई रोल नहीं है। ये सुप्रीम कोर्ट औऱ सरकार के बीच का काम है। लिहाजा आर्मी को इसमें न घसीटा जाये। गफूर ने सरकार से कहा कि सरकार और प्रदर्शनकारियों को आपस में बैठकर मामले का हल निकालना चाहिए। आपको याद होगा प्रदर्शन के पहले दिन तहरीक-ए-लब्बैक के मुल्लाओं ने आर्मी चीफ बाजवा को कादियानी घोषित कर दूसरे जनरलों को बगावत करने को उकसाया था। लेकिन आर्मी प्रवक्ता ने इस बात से कन्नी काट ली।



 पाकिस्तान आर्मी के डीजी आईएसपीआर आसिफ गफूर


हैरत इस बात की है कि इस नाजुक मौके पर पाकिस्तान के पीएम इन दिनों चीन के दौरे पर हैं, जो 5 नवंबर को लौटेंगे। देखना ये है कि तब तक पाकिस्तान सरकार कोई हल निकाल पाती है, या पाकिस्तान के साथ इमरान खान के भी बुरे दिन शुरु होने वाले हैं।