कहां है कठुआ रेप पीड़िता के नाम पर इकठ्ठा 20 लाख ? पीड़िता के घरवालों को पैसा नहीं मिलने का दावा, शेहला रशीद ने खबरों को बताया साजिश
   02-नवंबर-2018

 
 
 
बहुचर्चित कठुआ रेप केस में पीड़िता के नाम पर इकठ्ठा किया गया पैसा एक बड़ी पहेली बन गया है।  द ट्रिब्यून में छपी एक रिपोर्ट मुताबिक पीड़िता के घरवालों का कहना है कि उन्हें कोई पैसा नहीं मिला। सोशल मीडिया के जरिय़े पैसा इकठ्ठा करने वाले सोशल एक्टिविस्टों का कहना है कि पैसा अप्रैल महीने में ही उनके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया गया था। अब पैसा कहां है उनको नहीं पता।
 
दरअसल अप्रैल में जम्मू कश्मीर के कठुआ में एक दर्दनाक और अमानवीय रेप की घटना सामने आयी थी। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए देश-विदेश में काफी प्रदर्शन और प्रतिक्रियाएं सामने आयी थीं। इसी कड़ी में Crowdnewsing नाम की सोशल मीडिया कम्यूनिटी ने सोशल मीडिया के जरिये कठुआ रेप पीड़िता औऱ उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार की सहायता के लिए फंडरेज़िंग मुहिम शुरू की थी। जिसमें अब तक 40 लाख 62 हज़ार से ज्यादा फंड इकठ्ठा हो चुका है। फंड देने वालों में उमर अब्दुल्ला औऱ वीर दास जैसी शख्सियत शामिल हैं। फंड इकठ्ठा करने वालों की मुहिम में जेएनयू की छात्र नेता शेहला रशीद भी शामिल थी।
 
 
रेप पीड़िता के परिवार के बैंक खाते में 18,5000 रू जमा कराने का दावा
सवाल नं-1: पैसे खाते में जमा हुआ, लेकिन बैंक पासबुक किसके पास है?
 
 
 
 
Crowdnewsing कम्य़ूनिटी के मुताबिक अप्रैल में ही दोनों परिवारों के खाते में पैसा ट्रांसफर कर दिया गया था। आधे हिस्से के हिसाब से कठुआ परिवार के खाते में 18 लाख 50 हज़ार के आसपास रकम जमा करायी गयी। इसके लिए Crowdnewsing कम्यूनिटी ने रेप पीड़िता के असली पिता औऱ गोद लेने वाले पिता, दोनों का ज्वाइंट खाता जे एंड के बैंक में खुलवाया गया। जिसमें पैसे जमा कर दिये गये।
 

 
 
 
लेकिन इस घटना के करीब 6 महीने बीत जाने के बाद रेप पीड़िता के परिवार वालों ने सवाल उठाया की। पैसे ट्रांसफर हुए, तो कहां गये। Crowdnewsing द्वारा दिये गये सबूतों से इतना तो साफ होता है कि पैसे खाते में ट्रांसफर किये गये थे। लेकिन असली सवाल बैंक खाते की पासबुक को लेकर है। वो कहां है किसके पास है। The Tribune में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक बैंक खाते की पासबुक उनके पास नहीं है। जब बैंक पासबुक के बारे में हमने Crowdnewsing के को-फाउंडर आनंद से पूछा तो उनका कहना था। उनको इस बारे में नहीं पता। हालांकि उन्होंने रेप पीडिता के पिता का एक वीडियो ज़रूर हमें भेजा। जिसको आप नीचे दिये गये लिंक में देख सकते हैं।
 
 
 
 
हालांकि इस वीडियो में ये कहीं भी साबित नहीं होता कि बैंक पासबुक उनको सौंप दी गयी है। ऐसे में सूत्रों के मुताबिक रेप पीडिता के परिवार वाले चिंतित है कि कहीं कोई घपला तो नहीं है।
 
उधर फंडरेज़िंग में शामिल शेहला रशीद ने ट्वीटर पर सफाई देते हुए इसके एक साजिश करार दिया है। शेहला ट्वीट आप नीचे दिये गये लिंक से पढ़ सकते हैं।
 
 
 
 
अपनी सफाई में शेहला ने भी नहीं बताया कि बैंक पासबुक कहां है। वो अबतक रेप पीड़िता के परिवार को क्यों नहीं दी गयी। या फिर दाल में कुछ काला है। ये दूसरा मामला है जब रेप पीड़िता के नाम पर एक्टिव सोशल  एक्टविस्टों पर सवाल खड़ा हुआ है। इससे पहले एक एक्टिविस्ट पर जेएनयू की एक छात्रा रेप का आरोप लगा चुकी है।