राजस्थान-एमपी-छत्तीसगढ़ के बाद जम्मू कश्मीर में बढ़ती ठंड के साथ बढ़ा चुनावी पारा, PDP-NC मिलकर बीजेपी को घेरने की फिराक में
   11-दिसंबर-2018
 
 
5 राज्यों में चुनावी नतीजे आने के बाद अब जम्मू कश्मीर में भी चुनावी मैदान तैयार हो चुका है। तमाम पार्टियों ने आरोप, बयानों और मुलाकातों का सिलसिला शुरू कर दिया है। लगभग तय है कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेस मिलकर बीजेपी को सत्ता से रोकने की तैयारी कर चुके हैं। दोनों पार्टियां विधानसभा भंग के बाद से लगभग एक ही सुर में बात कर रही हैं। पिछले 24 घंटों में पीडीपी और एनसी के नेताओं ने अलग-अलग बयानों में बीजेपी को चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए नाम की घोषणा करने की चुनौती दी है। सोमवार को पीडीपी के नईम अख्तर ने बीजेपी को लेकर बयान दिया कि क्यों 25 विधायकों वाली पार्टी ने 2 विधायकों की पार्टी के नेता को मुख्यमंत्री के लिए चुना।
 
 
जाहिर है दोनों पार्टियां कश्मीर घाटी में इन 2 (पूर्व) विधायकों वाली पार्टी के नेता सज्जाद लोन के बढ़ते प्रभाव से खतरा महसूस कर रही हैं। हाल ही में पीडीपी के कम से कम 4 बड़े नेता पार्टी छोड़कर सज्जाद लोन की पार्टी पीपल्स कांफ्रेसं ज्वाइन कर चुके हैं। यहां तक की पूर्व उप-मुख्यमंत्री मुज्जफर बेग ने भी पार्टी छोड़ने और सज्जाद लोन को ज्वाइन करने की प्लानिंग कर ली थी। लेकिन पीडीपी ने किसी तरह मान-मनौव्वल कर बेग को मनाया। सोमवार को पीडीपी की एक कार्यकारिणी की मीटिंग में पीडीपी ने मुज्जफर बेग के पीडीपी का पैट्रन घोषित कर दिया। इससे पहले ये पद मुफ्ती मोहम्मद सईद को हासिल था।
 

 
 
 
लेकिन पीडीपी का हालत अभी और बिगड़ने वाली है, सूत्रों की मानें तो कम से कम आधा दर्जन निवर्तमान विधायक ऐसे हैं जो पार्टी से कभी भी इस्तीफा दे सकते हैं। ऐसे में पीडीपी के सामने एक ही रास्ता बचता है कि वो घाटी में अपनी साख बचाने के लिए अब तक विरोधी रही नेशनल कांफ्रेंस के साथ मिलकर चुनाव लड़े। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। लेकिन देश की केंद्रीय राजनीतिक हालात को देखें तो कांग्रेस बीजेपी को हराने के लिए फिलहाल देश में किसी भी पार्टी से गठबंधन करने को तैयार है।
 
 
 
 
 
 
 
ऐसे में राज्य में चुनाव के दो घेमे स्पष्ट रूप से दिखायी देते हैं।
 
1. नेशनल कांफ्रेंस-पीडीपी-कांग्रेस
2. बीजेपी-सज्जाद लोन थर्ड फ्रंट
 
हालांकि दोनों ही गठबंधन की आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक घेमेबंदी स्पष्ट हो चुकी हैं। फिलहाल तमाम पार्टीयां अपने-अपने कार्यकर्ताओं-वोटर्स को साधने की कवायद में जुट गयीं हैं।
 
नेशनल कांफ्रेंस ने भी कार्यकर्ताओं को जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है। सोमवार को उमर अब्दुल्ला ने जम्मू में डिविजनल पदाधिकारियों की मीटिंग कर चुनावी बिगुल फूंका।
 
 

जम्मू में एसी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते उमर अब्दुल्ला

 
 
 
 
पीडीपी ने सोमवार को पार्टी पदाधिकारियों की मीटिंग कर पदाधिकारियों का मन भांपने की कोशिश की और चुनावी रणनीति की शुरूआत कर दी। वहीं बीजेपी भी क्षेत्रीय और वार्ड लेवल पर कार्यकर्ताओं को जोड़ने की कवायद शुरू कर चुका है। बीजेपी के नेता और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह कई दिनों से राज्य में डेरा डाले हुए थे। जहां उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों-कार्यकर्ताओं से पब्लिक और क्लोज्ड डोर मीटिंग भी की। उधर सज्जाद लोन घाटी के नेताओं को अपने खेमे में जोड़ने के लिए पार्टियों में सेंध लगाने में जुटे हैं। जिसमें वो खासे कामयाब होते दिख रहे हैं।

 पीडीपी पदाधिकारियों की मीटिंग



बीजेपी ने भी फूंका चुनावी बिगुल, कठुआ रैली की तस्वीरें