पाकिस्तान में मीडिया सेंसरशिप चरम पर, वाइस ऑफ अमेरिका (VoA) पर लगाया बैन
   12-दिसंबर-2018
 
 
इमरान खान सरकार ने धीरे-धीरे मीडिया की आवाज को काबू में करना शुरू कर दिया है। खुलेआम मीडिया को डराया-धमकाया जा रहा है। सीनियर जर्नलिस्ट्स को नौकरी से निकलवाया जा रहा है। इसी कड़ी में इमरान सरकार ने पाकिस्तान में अमेरिकी स्टेट मीडिया कंपनी वाइस ऑफ अमेरिका उर्दू को बैन कर दिया है। वाइस ऑफ अमेरिका उर्दू वेबसाइट पाकिस्तान में सरकार और सेना की गलत नीतियों के खिलाफ मुखर और निडर पत्रकारिता कर रही थी। लेकिन पाकिस्तान आर्मी के आदेश पर इमरान सरकार ने वाइस ऑफ अमेरिका को बंद करने के आदेश जारी कर दिये।
 
 
 
इमरान खान के सरकार में आने के बाद ये पहला मामला नहीं है, जब मीडिया को चुप कराने की कोशिश की गई है। पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान के मशहूर सीनियर जर्नलिस्ट नुसरत जावेद पर भी एक जानलेवा हमला किया गया। जिसको इमरान सरकार ने महज एक्सीडेंट बताकर मामले को रफा-दफा कर दिया। हालांकि नुसरत जावेद ने ट्वीट कर सीधे-सीधे इमरान खान पर हत्या करवाने को जिम्मेदार ठहराया था। नुसरत जावेद पाकिस्तान में फॉरेन पॉलिसी औऱ रक्षा मामलों के सबसे बड़े विशेषज्ञ पत्रकार माने जाते हैं। जोकि हमेशा पाकिस्तान सरकारों की तमाम पॉलिसीज़ पर खुलकर लिखते रहे हैं। हाल ही में वो दुनिया न्यूज चैनल पर मशहूर बोल-बोल पाकिस्तान करंट-अफेयर्स टॉक शो किया करते थे। जिसका इमरान सरकार के आते ही बंद करवा दिया गया था।
 
 
 
 
नुसरत जावेद के अलावा अलग-अलग मीडिया हाउस से निकाले गये सीनिय़र पत्रकारों की एक लंबी लिस्ट है। जो आर्मी की दखल के बारे में खुलेआम रिपोर्ट करते थे। उनको न्यूज़ चैनलों ने फंड की कमी का बहाना कर नौकरी से निकाल दिया।
 
 
1. WAQT News के सीनियर जर्नलिस्ट मतीउल्लाह जान को POJK में पाकिस्तान आर्मी की ज्यादती और समस्याओं को दिखाने के लिए निकाल दिया गया।
 
2. GEO News के सीनियर एंकर तलत हुसैन को पाकिस्तान आर्मी को लेकर प्रोग्राम करने के बाद निकाल दिया गया।
 
3. Radio Pakistan के डायरेक्टर जनरल मुर्तज़ा सोलंगी को इमरान खान सरकार के सामने नहीं झुकने के चलते निकाल दिया गया।
 
4. The Dawn के खोजी पत्रकार सीरिल अल्मीडा ने नवाज सरकार के दौरान आर्मी औऱ सरकार के संबंधों पर एक रिपोर्ट की थी। जिसके बाद उसके देश से बाहर जाने पर भी पाबंदी लगा दी गयी थी। इमरान सरकार के आने पर आरोप लगे है कि आर्मी सीरिल को जल्द से जल्द जेल भेजने की तैयारी कर चुकी है।
 
5. Abb Tak ने लाहौर के ब्यूरो चीफ नवीद रिजवी को आर्मी के खिलाफ रिपोर्टिंग करने पर निकाल दिया गया।
 
6. PTV जैसे चैनलों को हेड कर चुके पाकिस्तान के जाने-माने टीवी जर्नलिस्ट शाहिद मसूद को भी हाल ही में गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि शाहिद मसूद आर्मी के पक्षकार रहे हैं, लेकिन मौजूदा आर्मी अफसरों से विवाद शाहिद मसूद को महंगा पड़ा। 
 
 
इसके अलावा पत्रकारों की एक लंबी फेहरिस्त है जिनको आर्मी और इमरान खान के दबाव में मीडिया हाउस ने बाहर निकाल दिया। जो फिलहाल मेनस्ट्रीम मीडिया में हैं उनको भी हाल ही में आर्मी के पीआर विंग के डीजी आइएसपीआर आसिफ गफूर ने साफतौर पर जाहिर कर दिया था,  मीडिया को आर्मी की वॉर का हिस्सा बनना चाहिए।