J&K में 22 साल बाद लागू होगा राष्ट्रपति शासन
   18-दिसंबर-2018
 
 
गवर्नर सत्यपाल मालिक द्वारा जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश के बाद केंद्र सरकार ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी है। यानि आधिकारिक रूप से 20 दिसंबर से जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लागू हो जायेगा, जोकि चूंकि 19 दिसंबर को राज्य में 6 महीने से लागू राज्यपाल शासन समाप्त हो रहा है।
 
हालाँकि राज्य में प्रशासन की कमान अभी भी राज्यपाल के हाथों में ही होगी। लेकिन राज्यपाल को अब केंद्र सरकार और राष्ट्रपति के नुमाइंदे के तौर पर काम करेंगे। राज्य में वित्तीय फैसलों की कमान अब संसद के पास होगी। इसीलिए राज्यपाल सत्यपाल मालिक 2019-20 का स्टेट बजट और कोऑपरेटिव बैंकों से जुड़ा एक कानून समेत कई कानून पहले ही राजयपाल शासन के समय ही पास कर चुके हैं।
 
राज्य में 22 साल बाद राष्ट्रपति शासन लगेगा, इससे पहले 1990 से 1996 के बीच राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। उस वक़्त राज्य में गिरीश चंद्र सक्सेना और बाद में केवी कृष्णराव राज्यपाल रहे।
 
देश में जम्मू कश्मीर अकेला राज्य है जहाँ के संविधान के मुताबिक लोकतान्त्रिक सरकार न बन पाने की स्थिति में पहले राज्यपाल शासन का विधान है, इसके 6 महीने पूरे होने पर 6 महीने राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। लेकिन इन 6 महीनों के दौरान लोकतान्त्रिक सरकार बनवाने का रास्ता साफ़ हो जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में जम्मू कश्मीर में फिलहाल 6 महीने के अंदर दोबारा चुनाव हो जाने चाहिए, लेकिन विशेष परिस्थियों में राष्ट्रपति शासन 6 महीने से लम्बा भी चल सकता है। राज्य की मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए संभावना है की अप्रैल-मई में आम चुनाव के साथ ही जम्मू कश्मीर में भी विधान सभा चुनाव होंगे।