जानें बाबा अमरनाथ की कहानी

    28-सितंबर-2018
Total Views |

 

 
 
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा श्रावण पूर्णिमा के दिन खत्म होती है जो इस साल 28 जून से शुरू होकर 26 अगस्त रक्षाबंधन के दिन खत्म होगी। अमरनाथ यात्रा का आयोजन करना अत्यधिक सुरक्षा वाला काम है और फिलहाल कश्मीर घाटी में बिगड़ती स्थिति ने इस साल यात्रा पर खतरे का अंदेशा बढ़ा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए हाल ही में घाटी का दौरा किया था।

इसी के मद्देनजर इस साल अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स यानी CAPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के 24 हजार जवानों को लगाया जाएगा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक इस बार यात्रा में CAPF की 213 कंपनियों को लगाया जाएगा जबकि पिछले साल यानी 2017 में CAPF की 181 कंपनियां अमरनाथ यात्रियों के सुरक्षा में लगाईं गईं थीं।

अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए 4 जगह मौके पर ही रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध होगी। यह यात्रा 28 जून को शुरू होगी। यह सुविधा वैष्णवी धाम, सरस्वती धाम, जम्मू हाट और गीता भवन-राम मंदिर में उपलब्ध कराई जाएगी। देशभर में विभिन्न रजिस्ट्रेशन सेंटर पर लाखों तीर्थ यात्रियों ने पहले ही रजिस्ट्रेशन करवा लिया है।

देशभर में पंजाब नैशनल बैंक, द जम्मू-कश्मीर बैंक और येस बैंक की विभिन्न शाखाओं के जरिये तीर्थ यात्रा के लिए अग्रिम पंजीकरण कराया जा चुका है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ उमंग नरूला ने बताया कि इस साल की वार्षिक अमरनाथ यात्रा 28 जून को शुरू होगी और इस साल यह यात्रा 20 दिन ज्यादा चलेगी।

कब से कब तक
28 जून से 26 अगस्त 2018

यात्रा के दिन

60

प्रतिदिन यात्री
हर दिन 1500 यात्री यात्रा कर सकेंगे यात्रा (दो निर्धारित रूट्स हैं। हर रूट पर 7500 यात्री)

एज लिमिट
14 से 74 साल (13 साल से छोटे और 75 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को अनुमति नहीं है)

बता दें कि अमरनाथ यात्रा भारत के चार प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। सावन के दौरान पड़ने के चलते इस यात्रा का महत्व बढ़ जाता है। इस यात्रा के लिए श्रद्धालु कठिन चढ़ाई करके अमरनाथ की गुफा में पहुंचते हैं। यहां बर्फ से प्राकृतिक रूप से बनी शिवलिंग की आकृति के दर्शन करते हैं। इस ट्रैकिंग रूट पर जगह-जगह भंडारे चलते रहते हैं और श्रृद्धालुओं के लिए फ्री खाने की व्यवस्था होती है। यहां आपको ठंडा और दोनों तरह का पानी भी मिल जाएगा।

ये चीजें रखें साथ
कश्मीर की ठंडी हवाएं आपकी मुश्किल न बढ़ा दें इसके लिए आप गर्म कपड़े और ट्रेकिंग शूज लेकर जरूर जाएं। बारिश के मौसम का ध्यान रखते हुए रेनकोट और टॉर्च वगैरह भी ले जाना चाहिए।