चीन ने पैसिफिक ओसियन को बनाया कूड़ाघर, अकेले हर साल डाल रहा 9 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा, दुनिया के कुल कचरे से भी ज्यादा
Jammu Kashmir Now Hindi   10-Jan-2019
  
प्लास्टिक कचरा दुनिया भर में समुद्र प्रदूषण के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है। जिसके कारण समुद्री इकोसिस्टम पर खतरनाक प्रभाव पड़ रहा है। पर्यावरण साइंटिस्ट सालों से तमाम देशों को प्लास्टिक कचरे के प्रति आगाह करते रहे हैं। लेकिन ज्यादातर देश इसको नजरअदांज कर समुद्र को कूड़ाघर की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। इनमें सबसे आगे है औद्योगिक तरक्की कर रहे चीन। चीन अकेला साल में पैसिफिक समुद्र में इतना प्लास्टिक कचरा डाल रहा है, जितना दुनिया के बाकी बचे देश मिलकर भी नहीं डालते। दरअसल पर्यावरण वैज्ञानिकों की एक टीम ने ये खुलासा किया है। यूएस और ऑस्ट्रेलिया की इस टीम को लीड कर रही हैं जेना जेमबैक जोकि यूनिवर्सिटी ऑफ जॉर्जिया में पर्यावरण इंजीनियर हैं। इस टीम के आंकड़ों के मुताबिक चीन ने साल 2010 में 8.8 मिलियन टन कुप्रंबधित प्लास्टिक कचरा तैयार किया। जिसमें से ज्यादातर पैसिफिक ऑसियन में फेंका गया।
 

 
चीन के अलावा इंडोनेशिया दूसरा सबसे बड़ा प्लास्टिक कचरा समुद्र में डंप करने वाला देश है। जो साल में 3.2 मिलियन टन प्लाटिक कचरा पैदा कर रहा है। जिसका दो-तिहाई हिस्सा समुद्र में डंप कर दिया जाता है। इसमें से 1.29 मिलियन टन कचरा समुद्र ने वापिस इंडोनेशिया के तटों पर फेंक दिया। एशियन देशों में वियतनाम (1.9 मिलियन टन) और फिलिपींस (1.8 मिलियन टन) ऐसे देश हैं जोकि समुद्र को प्लास्टिक से प्रदूशित कर रहे हैं।
  
 
अमेरिका भी समुद्र प्रदूषण में काफी आगे है, लेकिन चीन के सामने बेहद कम। अमेरिका 0.11 मिलियन टन प्लास्टिक कचरा समुद्र में डंप कर रहा है। दुनिया के टॉप प्लास्टिक प्रदूषक देशों की लिस्ट देखिए-
 
 
दुनिया के टॉप प्लास्टिक प्रदूषक देशों की लिस्ट  (वॉल स्ट्रीट जनरल से साभार)
 
 
 
साफ है भले ही चीन जैसे कुछ देश ही समुद्र को प्लास्टिक से प्रदूषित करने के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन पर्यावरण को बचाने की जिम्मेदारी सबकी है। इसीलिए तमाम देशों को मिलकर प्रदूषण के लिए जिम्मेदार देशों पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
 
 
 प्लास्टिक प्रदूषण का असर