आतंक की राजनीति- महबूबा घर-घर जाकर दे रही हैं मारे गये आतंकियों के घरवालों को सांत्वना
सरकार जाने के बाद महबूबा मुफ्ती को वोटर्स की य़ाद सताने लगी है। पिछले एक हफ्ते से महबूबा मुफ्ती साउथ कश्मीर के दौरे पर हैं। जिसमें महबूबा मुफ्ती आज एक बार फिर एनकाउंटर में मारे गये आतंकी के घरवालों को सांत्वना देने पहुंची। महबूबा शोपियां के शफनगरी में हाल ही मारे गये आतंकी इदरीश मीर के घर पहुंची और घरवालों को सांत्वना दी। महबूबा मुफ्ती इतने से ही नहीं मानी, महबूबा मुफ्ती ने साथ में पहुंचे पुलिस ऑफिसर से मारे गये आतंकी के भाई को तुरंत रिहा करने की जिद की। जिसको पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। हालांकि पुलिस ऑफिसर ये कहता रहा कि उसको जल्द ही छोड़ दिया जायेगा। लेकिन महबूबा पुलिस ऑफिसर पर दबाव बनाती रही। इसका वीडियो आप इस लिंक पर क्लिक करते देख सकते हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले महबूबा मुफ्ती 30 दिसंबर को भी पुलवामा में एक और मारे गये आतंकी के घर गय़ी थी। वहां भी महबूबा ने मारे गये आतंकी के घरवालों से पूछताछ करने वाले पुलिस वालों के खिलाफ आतंकी की बहन को परेशान करने का घिनौना आरोप लगाया था। हैरानी की बात है कि मेहबूबा सत्ता से बाहर होने के बाद किसी शहीद सुरक्षाकर्मी के घर सांत्वना देने नहीं गयी। लेकिन आतंकियों की फिक्र अचानक मेहबूबा को सताने लगी है। साफ है चुनाव सर पर हैं और सत्ता छिन जाने के बाद और मेहबूबा मुफ्ती ने एकदम रंग बदल लिया है। अब वो आतंकियों का पक्ष लेने से भी नहीं चूक रही। मेहबूबा की इस आतंक की राजनीति को देखकर हर कोई सकते में है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपल्स कांफ्रेंस के सज्जाद लोन ने ट्वीट कर मेहबूबा मुफ्ती को घेरने की कोशिश की।
बहरहाल ये तो तय है कि जैसे जैसे चुनाव आते जायेंगे। राजनीतिक पार्टियां अपने फायदे के लिए ऐसी ओछी राजनीति पर उतरेंगी। लेकिन सुरक्षाकर्मियों को राजनीति का हिस्सा बनाना जाहिर तौर पर घिनौना चेहरा उजागर करता है।
आतंकी इदरीश के घरवालों के साथ मेहबूबा