कश्मीर घाटी ने आतंक औऱ अलगाववाद को नकारा, तीसरे चरण में बंपर मतदान

    13-अक्तूबर-2018
Total Views |



 
 
जम्मू कश्मीर स्थानीय निकाय चुनाव के तीसरे चरण में कश्मीरियों ने चुनाव बहिष्कार और दहशत को सिरे से नकार दिया है। शनिवार को हुई पोलिंग में उत्तरी कश्मीर के बारामुला जिले में 75.3 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया। जबकि सांबा जिले में मतदान 81.4 फीसदी रहा. साफ है कि बारामला और सांबा का ये मतदान उन लोगों को भी सीधा संदेश है जो साबित करने में जुटे थे कि कश्मीर घाटी में स्थानीय लोग चुनावों को नकार दिया है।
 

 

 

जबकि सच ये है कि चुनाव बहिष्कार औऱ आतंक के साये के चलते अलगाववाद की ये बयार घाटी के सिर्फ 3-4 ज़िलों कर सिमट कर रह गयी है। मसलन तीसरे चरण में अनंतनाग में 3.2 फीसदी और श्रीनगर में 1.8 फीसदी ही रहा। लेकिन इन ज़िलों में भी पीडीपी और नैशनल कांफ्रेंस की नैतिक हार साफ दिखाई देती है। क्योकिं श्रीनगर से चुनाव मैदान में खुद नैशनल कांफ्रेंस का एक बागी नेता जुनैद मट्टू मैदान में है।
 

 
 
 
माना जा रहा है कि नैशनल कांफ्रेंस ने मट्टू को इसलिए मैदान में उतारा है ताकि वो कम से कम श्रीनगर मेयर जैसे महत्वपूर्ण पद पर कब्जा कर सके। वही पीडीपी पर भी आऱोप है कि पीडीपी के कई छद्म उम्मीदवार कश्मीर के निकाय चुनावों में मैदान में हैं। साफ है कि दोनों पार्टियों को दोहरा चेहरा उजागर हो रहा है। शायद यही वजह है कि कश्मीर घाटी के लोग खुलकर वोट कर रहे हैं।
 
 
 
 
गौरतलब है कि पहले औऱ दूसरे चरण में भी जम्मू कश्मीर के तीनों डिवीज़न में भारी मतदान देखने को मिला था। घाटी के श्रीनगर, कुपवाड़ा औऱ सोपोर को छोड़कर तमाम जिलों में लोगों ने लोकतंत्र के पर्व में जमकर हिस्सा लिय़ा।
 
 

 
 

 

पीडीपी औऱ नैशनल कांफ्रेंस की राजनीतिक चूक का सीधा फायदा बीजेपी और कांग्रेस को मिलता दिखाई दे रहा है। बीजेपी जम्मू कश्मीर में कुल 60 जगहों पर निर्विरोध जीत दर्ज कर चुकी है। इसका सीधा मतलब ये है कि बीजेपी ना सिर्फ जम्मू डिवीज़न में बल्कि कश्मीर घाटी में भी कई निकायों की सत्ता पर काबिज होने जा रही है। वहीं कांग्रेस के 26 उम्मीदवारों ने भी निर्विरोध जीत हासिल की है।

 
 

जम्मू कश्मीर स्थानीय निकाय के चौथे औऱ अंतिम चरण का मतदान 16 अक्टूबर को होना है। इसके बाद तमाम नतीज़ों की घोषणा 20 अक्टूबर को की जायेगी। नतीज़ों में अंतिम फैसला चाहे जो हो, लेकिन एक फैसला जम्मू कश्मीर के लोग कर चुके हैं, वो है भारत और लोकतंत्र का चुनाव।