कुलगाम दुर्घटना के बाद अलगाववादियों ने घाटी में भड़कायी बंद की सियासत, जनजीवन प्रभावित
   22-अक्तूबर-2018

 
 
रविवार को कुलगाम में एनकाउंटर के बाद घटी एक दुर्घटना के बाद घाटी में अलगाववाद को बढ़ावा देने और सियासी रोटी सेंकने की राजनीति तेज़ हो गई है। जिसका नुक्सान आम कश्मीरियों को भुगताना पड़ रहा है। अलगाववादियों और आतंकवादियों ने कश्मीर घाटी में बंद बुलाया है। बंद के चलते ना सिर्फ सामान्य़ जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है बल्कि सोमवार को कश्मीर यूनिवर्सिटी और स्टेट बोर्ड एग्ज़ाम को रद्द करना पड़ा। वहीं बारामुला और बनिहाल में ट्रेन सर्विस को भी सस्पेंड कर दिया गया है।
 
बंद के समर्थन में पीडीपी और नैशनल कांफ्रेंस के नेता भी कूद पड़े हैं। सभी कुलगाम दुर्घटना का फायदा उठाकर अपनी खोई जमीन पाने में लग पड़े हैं। क्योंकि एक दिन पहले ही जम्मू कश्मीर में शहरी निकाय चुनाव परिणाम घोषित हुआ था। जिसमें जम्मू कश्मीर के लोगों ने अलगाववादियों समेत पीडीपी औऱ नैशनल कांफ्रेंस की बहिष्कार की राजनीति को बुरी तरह से नकार दिया था। पुलिस ने एहतिय़ातन प्रदर्शन कर रहे इंडिपेंडेंट विधायक इंजीनियर रशीद को हिरासत में ले लिया।
 
 
 
घाटी में भड़कायी जा रही सियासत से साफ है कि कुलगाम दुर्घटना में 9 आम शहरियों के मारा जाना, अलगाववादियों के भाग्य का झींका टूटने जैसा है। अलगाववादियों ने दुर्घटना की जिम्मेदारी सीधे-सीधे थोपनी शुरू कर दी। जबकि पुलिस के मुताबिक सच ये हैं कि एनकाउंटर में जैश-ए-मोहम्मद के 3 आतंकवादियों के मारे जाने के बाद स्थानीय लोग ने सुरक्षाबलों पर पत्थरबाज़ी शुरू कर दी और लोग एनकाउंटर स्थल में जबरन घुस आये। जहां पर पहले से मौजूद जिंदा ग्रेनेड और बम फट गये। जिसमें कुल 9 लोगों को जान गवांनी पड़ी।
 
 
 
बहरहाल जम्मू कश्मीर प्रशासन कानून व्यवस्था बनाय़े रखने में जुटा है। ताकि घाटी में हालात फिर से सामान्य हो सकें।