जम्मू कश्मीर में सरकार बनने के आसार नहीं, गवर्नर राज के बाद अब लगेगा राष्ट्रपति शासन
   13-नवंबर-2018

 
जम्मू कश्मीर के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए साफ है कि राज्य में फिलहाल कोई जनता सरकार बनती दिखाई नहीं दे रही। लिहाजा 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन के 6 महीने खत्म होने के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगना लगभग तय हो गया है। जम्मू कश्मीर राज्य के संविधान के मुताबिक राज्यपाल शासन के एक्सटेंशन का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में राज्य में दो विकल्प बचते हैं, या तो राजनीतिक पार्टियां मिलकर सरकार बनायें। जिसके आसान दूर-दूर तक दिखायी नहीं दे रहे। या फिर अगले चुनावों तक राष्ट्रपति शासन लगाया जाये।
 
 
 
 विधानसभा में 87 सदस्य
 
पीडीपी के 28 और बीजेपी के 25
नेशनल कांफ्रेंस के 15 विधायक 
 
 
आपको बता दें जून महीने में बीजेपी द्वारा समर्थन वापिस लेने के बाद महबूबा मुफ्ती सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था। जिसके बाद जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा दिया गया था।  गौरतलब है कि 87 सदस्यों की विधानसभा में पीडीपी के 28, बीजेपी के 25 और नेशनल कांफ्रेंस के 15 विधायक हैं।  इन तीनों में जब तक दो पार्टियां आपस में गठबंधन नहीं करती, तब तक चुनी हुई सरकार बनना असंभव है। लेकिन इन तीनों के आपस में कोई गठबंधन बनाना भी असंभव ही लग रहा है।
 
 

सत्यपाल मलिक बोफोर्स घोटाले के खिलाफ एक कार्यक्रम में वीपी सिंह के साथ 
 
 
 
ऐसे में भारतीय संविधान की धारा 356 के तहत केंद्र सरकार राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाये, यहीं एक मात्र रास्ता बचता है। केंद्र सरकार को इसके लिए संसद के किसी सदन की अनुमति की भी आवश्यकता नहीं है। हालांकि राष्ट्रपति शासन के दौरान भी राज्यपाल ही राज्य के प्रशासक के तौर पर काम करेंगें। यानि ये एक तरह से राज्यपाल शासन का एक्सटेंशन ही होगा।