18 नवम्बर 1962 को सेकेण्ड लेफ्टिनेंट श्यामल देव गोस्वामी लड़ते लड़ते वे बेहोश होकर गिर पड़े.
   18-नवंबर-2018


 
 
1962 में चीन के साथ हुए युद्ध में सेकेण्ड लेफ्टिनेंट श्यामल देव गोस्वामी को महlवीर चक्र से सम्मानित किया गया l श्यामल देव गोस्वामी के जन्म ६ नवम्बर 1938 को मेरठ, उत्तरप्रदेश में हुआ l उनकी भर्ती तोपखाने की रेजिमेंट में हुई l   1962 में चीन ने भारत पर आक्रमण किया. लड़ाई, लद्दाख की चोटियों में हुई तो अरुणाचल प्रदेश में भी हुई l
 
सेकेण्ड लेफ्टिनेंट श्यामल दस की तैनाती गुरुंग हिल की ऑब्जरवेशन पोस्ट/ निरिक्षण चौकी पर थी जहाँ वे निरिक्षण अफसर थे l गुरुंग हिल से उन्हें चुशुल की संवेदनशील हवाई पट्टी की निगरानी करनी थी. लद्दाख को चीनी दुश्मनों से बचने के लिए चुशुल बहुत ही महत्वपूर्ण क्षेत्र था. 18 नवम्बर को चीनी सेना ने तोप से भारी बम वर्षा की और मशीन गन से गोलियों की बौछार कर इस निरिक्षण चौकी पर धावा बोल दिया l श्यामल दस के साथ केवल चार जवान थे, जब की चीनी सैनिकों की संख्या बहुत अधिक थी l इतनी कम संख्या होने के बावजूद श्यामल देव ने हिम्मत नहीं हारी l वे अपने जवानो को लड़ने के निर्देश देते रहे और भारी गोली बारी के बीच दुश्मनों से जूझते रहे. एक एक कर उनके साथी शहीद हो गए, पर गोस्वामी लड़ते रहे. लड़ते लड़ते वे बेहोश होकर गिर पड़े. दुश्मन निरिक्षण पोस्ट में घुस आयी और श्यामल देव को मृत समझकर आगे बढ़ गयी l
 
बाद में उनको वहाँ से बlहर लाया गया l जब तक होश था श्यामल देव ने बड़ी बहादुरी से दुश्मनों का सामना किया, उनके इस पराक्रम के लिए उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया l