1971 के युद्ध में लांस नायक राम उग्रम पांडे ने अकेले तीन बंकरों को ध्वस्त कर दिया।
   23-नवंबर-2018

 
1971 में पाकिस्तान से युद्ध में केवल 21 वर्ष की आयु के लांस नायक राम उग्रम पांडे के बलिदान और वीरता को सम्मानित करते हुए उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र प्रदान किया गया । राम उग्रम पांडे का जन्म 1 जुलाई 1942 को उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िले के ऐमा बेशी गाँव में हुआ था । 1962 में वे सेना में भर्ती हो गए ।
 
1971 में बांग्लादेश युद्ध के समय 8 गार्ड के सेक्शन कमांडर बनाकर नायक पांडे को ईस्ट पाकिस्तान के मुरापारा के पहाड़ी इलाके में भेजा गया था । यहाँ पाकिस्तानी सेना ने कई बंकर बनाये थे, साथ ही बड़ी संख्या में फ़ौज, तोप, मशीनगन से लैस थी । इस किलेबंदी को तोड़कर दुश्मन को परास्त करना लगभग असंभव था । 23 नवम्बर की रात को दुश्मन पर हमला बोला गया, पर जवाबी कारवाही भी बहुत आक्रामक थी । लांस नायक पांडेय ने देखा की दुश्मन के बंकर पर हमला ज़रूरी है जिससे उन् बंकरों में बैठे पाकिस्तानी सिपाहियों की गोलीबारी पर काबू पाया जा सकेगा ।
 
अपनी सुरक्षा की परवाह न करते हुए लांस नायक पांडे हाथ में ग्रनेड लेकर रेंगते हुए आगे बढ़े, दुश्मन के बंकर के बिलकुल नज़दीक जाकर उन्होंने ग्रनेड से दो बंकर ध्वस्त कर दिए । तीसरे बंकर को ध्वस्त करने उन्होंने खुद रॉकेट लॉन्चर को उठाकर उसे नेस्तनाबूद कर दिया । पर इस बार उनपर दुश्मन की गोली लग गयी और गंभीर रूप से घायल लांस नायक पांडे वीरगति को प्राप्त हो गए ।
 
लांस नायक राम उग्रम पांडे की इस अनुकरणीय वीरता और बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया ।