सरकारी उपेक्षा का शिकार लद्दाख, अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग
   26-नवंबर-2018

 
 
लद्दाख, जम्मू कश्मीर का वो हिस्सा है, जो बाइक एक्पीडिशन के दीवानों और टूरिस्टों की पहली पसंद है। लेकिन आमतौर पर ये क्षेत्र मीडिया और सरकार की नजरों से दूर रहता है। जाहिर है नागरिक सुविधाओं से महरूम स्थानीय लोग खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। इसी के चलते लेह में लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन ने मांग जम्मू कश्मीर के राज्यपाल से मांग की है कि लद्दाख को जम्मू कश्मीर से अलग एक अलग केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया जाये।
 
इसके लिए सोमवार को हजारों बुद्धिस्टों ने लेह में एक प्रोटेस्ट मार्च निकाला। इस दौरान लेह में आधे दिन बंद की घोषणा की थी, जिसके चलते तमाम मार्केट और ट्रांसपोर्ट सुविधाएं बंद रही।
 
 
 
 
 
दरअसल 2011 के आंकड़ों के मुताबिक लद्दाख की जनसंख्या सिर्फ 2.74 लाख के करीब है। ज्यादातर जनसंख्या दो जिलों कारगिल और लेह में रहते हैं। क्षेत्रफल के हिसाब से यहां जनसंख्या घनत्व सबसे कम 3.2 प्रतिवर्ग किमी है और ये इलाका पूरी तरह से आतंकवाद से मुक्त है, ऐसे में जाहिर है वोट बैंक राजनीति के चलते जम्मू कश्मीर सरकार का ध्यान इस क्षेत्र पर सबसे कम रहता है। सालों से सरकारी उपेक्षा झेल रहे लद्दाखियों ने सरकार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है।