‘’सिद्धू जी, गलती एक बार हो सकती है, दूसरी बार तो यकीनन साजिश है”
   29-नवंबर-2018
 
 
भारत में सिखों के लिए करतारपुर साबिह कॉरिडोर का खुलना किसी वरदान से कम नहीं है। लेकिन पाकिस्तान इस कॉरिडोर के बहाने खालिस्तान की आग को बढ़ाने की पूरी कोशिश में जुटा है और पाकिस्तान के इस मायाजाल में बुरी तरह फंस चुके हैं पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धु । एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धु खालिस्तानियों के साथ फोटो खिंचवाने के चलते सवालों के घेरे में हैं। आईएसआई प्रॉक्सी औऱ खालिस्तानी उग्रवादी गोपाल चावला ने सिद्धु के साथ खींची गई फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की हैं। ऐसे में कयास लगाये जा रहे हैं कि क्या सिद्धु की खालिस्तानी समर्थकों के साथ कोई मुलाकात भी हुई या मामला फोटो खिंचवाने तक की मामला सीमित था। पाकिस्तानी मीडिया में इन फोटोज़ को खालिस्तान के समर्थन के रूप में प्रोपेगेंडा के तौर पर चलाई जा रही हैं। ऐसे में कांग्रेसी सरकार में मंत्री सिद्धु पर सवाल उठना लाजिमी है।
 
 
 
 
 
 
 
करीब साढ़े तीन महीने पहले इमरान खान के शपथ ग्रहण के मौके पर पाकिस्तानी आर्मी चीफ के साथ गले मिलकर सिद्धु ने भारत में हंगामा खड़ा कर दिया था। जब आईएसआई भारत के जम्मू कश्मीर और पंजाब में आतंकियों को भेजकर हमारे जवानों को मार रहे हों , ऐसे में पाकिस्तानी आर्मी चीफ से तपाक से गले मिलना निश्चित रूप से भारतीय सेना के मनोबल को तोड़ता है। इसको लेकर देश में सिद्धु पर सवाल भी खड़े हुए थे।
 
 
जनरल बाजवा से गले मिलते नवजोत सिंह सिद्धु 
 
इस घटना को एक मानवीय व्यवहार का तकाज़ा मानकर भूला भी जा सकता है। लेकिन बुधवार को करतारपुर साहिब कॉरिडोर के कार्यक्रम में सिद्धु ने एक बार फिर इमरान खान और उसकी सरकार की शान में जमकर कसीदे गढे। इसके बाद सिद्धु ने उन खालिस्तानी नेताओं के साथ फोटो खिंचवायी। जो हाफिज सईद के इशारों पर भारत के खिलाफ खुलेआम साजिश करते रहते हैं। ऐसे में सिद्धु के कारनामे पर सवाल खडे होना लाजिमी है। सिद्धु ने खालिस्तानियों के साथ फोटो खिंचवाने को लेकर अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।
 


 हाफिज सईद और आर्मी चीफ के साथ खालिस्तानी गोपाल चावला
 
 
यहां ध्यान देने वाली बात है कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह सिद्धु को पहले ही पाकिस्तान जाने को मना कर चुके थे। लेकिन अपने मुखिया की बात माने बिना सिद्धु न सिर्फ पाकिस्तान गये, बल्कि एक बार फिर वहीं आईएसआई औऱ खालिस्तान ने अपने प्रोपेगेंडा को फैलाने के लिए सिद्धु की मौजूदगी का फायदा भी उठाया।