जब चीन ने इमरान खान से मांगा CPEC विरोधी बयानों का हिसाब, चेतावनी देकर कहा आगे से ध्यान रहे
   05-नवंबर-2018

 
पाकिस्तान में आसिया बीबी की रिहाई के नाम पर आग लगी थी, लेकिन इसके बावजूद भी पीएम इमरान खान इस उम्मीद में चीन पहुंचे कि शायद यारों का यार, जांनिसार चीन कुछ अरब डॉलर झोली में डाल दे। लेकिन इमरान खान को सबसे बड़ा झटका तब लगा, जब एयरपोर्ट पर उन्हें रिसीव करने के लिए एक छोटे ओहदे वाले ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर को भेज दिया। पाकिस्तानी मीडिया में इस पर गॉसिप तो हुई, लेकिन खबरें दबा दी गयीं।
 
 
लेकिन इससे बढ़कर चीन ने पाकिस्तान के पीएम के साथ ऐसा किया जो शायद पहले कभी न हुआ हो। दरअसल चायनीज़ प्रीमियर ली केकियांग के साथ मीटिंग के दौरान इमरान खान के उन बयानों की पूरी फाइल रख दी गयी। जिसमें इमरान खान औऱ उनके कैबिनेट मेंबर्स ने पिछले 2-3 सालों के दौरान CPEC पर सवाल उठाये थे। खबरों की मानें चीन के इस अचानक कूटनीतिक हमले से इमरान खान सकते में आ गये, इस पर कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन चायनीज प्रीमियर औऱ उनकी टीम पूरी तरह तैयार थी। उन्होंने इमरान खान को आइंदा इस तरह के बयानों के बाज़ आने की हिदायत दे डाली।
 
 
कहा जा रहा है कि यही वजह है कि मीटिंग के बाद इमरान खान औऱ चायनीज़ प्रीमियर, दोनों की बॉडी लैंग्वेज़ एकदम तल्ख रही थी। चायनीज़ प्रीमियर ने इमरान खान की तरफ ठीक से देखा तक नहीं। इसके बाद चायनीज़ प्रेसिंडेंट झी जिनपिंग भी मीडिय़ा फोटो ऑप के दौरान कुछ ऐसे ही पेश आये। नीचे दी गई तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं।
 
 
 
चायनीज़ प्रीमियर ली केकियांग के साथ इमरान खान
 

 
चायनीज़ प्रेजिडेंट झी जिनपिंग के साथ इमरान खान
 
 
पीएम इमरान खान को उम्मीद तो थी कि उन्हें चीन से तुरंत कोई इमदाद मिल जायेगी। लेकिन 5 दिन मशक्कत करने के बाद भी चीन ने 6 अरब डॉलर देने का सिर्फ आश्वासन दिया। जिसके साथ चीन ने कहा कि पहले अभी CPEC और बातचीत होनी बाकी है। तभी इमदाद दी जायेगी। साफ है 60 अरब डॉलर के प्रोजेक्ट CPEC को लेकर चीन पाकिस्तान से कोई कोताही की उम्मीद नहीं रख रहा। ये चीन का किसी भी देश में अब तक का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट है जिसपर चीन के बहुत सारे महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट अटके हुए हैं।
 
 
 
 
दरअसल पिछली हुकूमत के दौरान इमरान खान CPEC को लेकर नवाज शरीफ पर अक्सर निशाना बनाते रहे थे। उसके कई मौजूदा मिनिस्टर टीवी पर CPEC को सफेद हाथी और कर्ज का बोझ बताते रहे हैं। इसके बाद अमेरिका औऱ आईएमएफ को खुश के लिए भी इमरान की सरकार के एडवायजर अब्दुल रज्जाक दाऊद ने CPEC को पाकिस्तान को घाटे का सौदा बताया था। जाहिर है मौका मिलते ही चीन से सालों का हिसाब-किताब चुकता कर लिया औऱ इमरान को भी बता दिया कि यारी एक तरफ, CPEC सबसे ऊपर।