सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की गवर्नर द्वारा J&K विधानसभा भंग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका
   10-दिसंबर-2018
 
 
जम्मू कश्मीर की विधानसभा को भंग करने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी। सोमवार को देश की सर्वोच्च अदालत ने पूर्व विधायक गगन भगत द्वारा दायर की गयी याचिका को खारिज कर दिया। जिसमें गवर्नर सत्यपाल मलिक के विधानसभा को भंग करने को चुनौती दी गयी थी। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और जस्टिस एस के कौल की बेच ने कहा कि याचिका में कोई मेरिट नहीं है और हम गवर्नर के फैसले में दखल नहीं देंगे।
 
 
बीजेपी से नाराज पूर्व नेता और निवर्तमान विधायक गगन भगत की तरफ से पेश जयदीप गुप्ता ने याचिका में कहा था कि गवर्नर द्वारा विधानसभा भंग करने से ठीक पहले 2 पक्षों ने सरकार बनाने का दावा किया था। इसके बावजूद भी गवर्नर ने विधानसभा भंग कर दी। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व फैसले का हवाला देते हुए जयदीप गुप्ता ने याचिका में गवर्नर को विधानसभा भंग करने से अंतिम फैसले से पहले सरकार बनवाने के तमाम विकल्प तलाशने चाहिए। लेकिन इस केस में ऐसा नहीं हुआ। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जयगुप्ता के तमाम तर्कों को खारिज़ कर दिया।
 
 
आपको याद होगा कि 22 नवंबर को गवर्नर सत्यपाल मलिक ने एक चौंकाने वाले फैसले में जम्मू कश्मीर की विधानसभा को भंग कर दिया था। हालांकि कुछ घंटों पहले तक मीडिया में पीडीपी और सजाद लोन, दोनों पक्ष सरकार बनाने का दावा कर रहे थे। हालांकि स्पष्ट बहुमत का आंकड़ा दोनों के पास नहीं था। विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका को देखते हुए गवर्नर ने विधानसभा भंग कर दी थी।
 
 
जम्मू कश्मीर में इस समय राज्यपाल शासन है। जोकि 18 दिसंबर को खत्म हो रहा है। इसके बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लगेगा। जोकि कानूनन 6 महीने रह सकता है। इस बीच मध्यावधि चुनाव करवाने होंगे। खबरों के मुताबिक जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव भी देश के आम चुनावों के साथ यानि अप्रैल-मई में हो सकते हैं।