पीडीपी और एनसी की ''छोटी-सी लव स्टोरी का The End'', मेहबूबा ने अब्दुल्ला पर लगाया एमएलए की खरीदारी का आरोप
   21-दिसंबर-2018
 
 
पिछले महीने जम्मू कश्मीर की राजनीति में एक नया दिलचस्प मोड़ आया जब, मेहबूबा मुफ़्ती और अब्दुल्ला फैमिली मिलकर सरकार बनाने को तैयार हो गए। सरकार तो नहीं बनी , लेकिन मेहबूबा और उमर अब्दुल्ला ट्विटर पर एक दूसरे की तारीफों के पूल बांधते रहे। एक दूसरे के ट्वीट्स और बयानों को लिखे करते रहे। राजनीति के चाहने वालों को लगा की नया गठबंधन परवान चढ़ रहा है। जिसका नतीजा शायद प्री-पोल अलायंस के रूप में देखने को मिलेगा।
 

 
 
 
लेकिन विधानसभा भंग होने के बाद पीडीपी के कई बड़े नेता सज्जाद लोन की पार्टी में शामिल हो गए। लेकिन इस बीच नए नए खैरख्वाह अब्दुल्ला फॅमिली ने भी पीडीपी की नींव में सेंध लगानी शुरू कर दी और पिछले एक हफ्ते में पीडीपी के दर्जन भर नेता छलांग मारकर नेशनल कांफ्रेंस के पाले में जा बैठे। जिसमे बशारत बुखारी और पीर मुहम्मद हुसैन जैसे बड़े नाम शामिल हैं। अपना जहाज डूबता देख मेहबूबा को अचानक राजनीतिक हक़ीक़त का एहसास हुआ और एक अखबार में छपे कार्टून का सहारा लेकर मेहबूबा ने बड़े अब्दुल्ला यानी फारुख अब्दुल्ला पर पीडीपी के (पूर्व ) एमएलए खरीदने का आरोप लगा डाला।
 
 
 
 
साथ ही चेतावनी दी कि वो अपनी पार्टी की एक एक ईंट जोड़कर उसको फिर से खड़ा करेंगी, जैसा उसने अपने पिता के साथ पहले पार्टी को खड़ा किया था।
 

 
धोखे से खफा मेहबूबा ने साफ़ सन्देश दे दिया है की वो मैदान में अकेले लड़ेंगी , जिसका मतलब है कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस के गठबंधन के अब आसार कतई नहीं हैं। यानी घाटी की राजनीति में इस बार मुक़ाबला त्रिकोणीय होगा , बीजेपी-सज्जाद लोन, नेशनल कांफ्रेंस और पीडीपी के बीच। इस मुक़ाबले में कांग्रेस किसके साथ होगी , ये भी लगभग तय मन जा रहा है। कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस के बीच गठबंधन चुनाव से पहले हो या बाद में, लेकिन तय है।