J&K Bank एक गवर्नमेंट कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है, तो स्टेटस चेंज का सवाल ही नहीं- गवर्नर
   04-दिसंबर-2018
 
 
जे एंड के बैंक की राज्य प्रशासन के प्रति जवाबदेही तय करने के बाद विरोध कर रहे कर्मचारियों के डेलीगेशन ने आज गवर्नर सत्यपाल सिंह से मीटिंग की। मीटिंग में गवर्नर ने तमाम कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि जे एंड के बैंक के किसी तरह के स्टेटस् में कोई बदलाव नहीं किया गया है। बस जवाबदेही तय की गयी। लिहाजा बैंक के तमाम कर्मचारी परेशान न हों। गवर्नर ने निम्न बिंदुओं को लेकर कर्मचारियों के सामने स्थिति स्पष्ट की।
 
 
1. जे एंड के बैंक राज्य का एक प्रीमीयर इंस्टीट्यूशन है, जो जम्मू कश्मीर के भविष्य औऱ आर्थिक बेहतरी के लिए बेहद ज़रूरी है। लिहाजा राज्य सरकार इसको बेहतर और उम्दा संस्थान बनाने के लिए तमाम ज़रूरी कदम उठायेगी।
 
 
2. कर्मचारियों को अपनी नौकरी या सैलरी स्ट्रक्चर के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार इस मामले में कोई बदलाव नहीं करेगी। बैंक बोर्ड को ही इस फैसले को लेने का अधिकार रहेगा।
 
 
3. जहां तक पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग का मामला है। इसके तहत साफ करना ज़रूरी है कि जे एंड के बैंक रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ के कंपनीज़ एक्ट के तहत रजिस्ट्रर्ड है। जोकि सेबी के एक लिस्टेड कंपनी है। भविष्य़ में भी ये आरबीआई, सेबी औऱ रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ के नियमों के तहत की काम करेगा। ऐसे में किसी तरह के स्टेटस चेंज का सवाल ही नहीं उठता।
 
 
4. चूंकि जे एंड के बैंक कंपनीज़ एक्ट के तहत एक गवर्नमेंट कंपनी के तौर पर रजिस्टर्ड है। तो PSU शब्द का कोई कानूनी मतलब नहीं रह जाता। भविष्य में भी बैंक सरकारी कंपनी ही रहेगी। यानि कोई बदलाव नहीं हुआ।
 
 
5. गवर्नमेंट कंपनी होने के नाते जे एंड के बैंक अपने आप आऱटीआई के दायरे में आ जाता है। जोकि पारदर्शिता कि लिए ज़रूरी है। तो यहां कोई नये नियम नहीं थोपे जा रहे। बल्कि पहले से मौजूद नियमों और कानून को लागू किया जा रहा है। जो कि बैंक के लंबे भविष्य के लिए बेहतर है।
 
 
6. जहां तक विधानमंडल के प्रति जवाबदेही का सवाल है, कंपनीज एक्ट के तहत रजिस्टर्ड किसी भी कंपनी को किसी न किसी तरह विधानमंडल के प्रति जवाबदेह होना होता है। तो ऐसे में जारी आदेश में किसी भी नये नियम को शामिल नहीं किया गया है। फिर भी कर्मचारियों के सवालों को देखते हुए राज्यपाल प्रशासन इसको दोबारा रिव्यू करेगा।
 
 
7. बोर्ड ऑफ द बैंक ही जेएंडके बैंक की स्वायत्तता और निर्णय लेने का सही फोरम है। इसीलिए प्रशासन का ध्येय भी उसकी स्वतंत्रता और स्वायत्तता के अलावा कुछ औऱ नहीं है।
 जे एंड के बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन ने राज्यपाल के आश्वासन का स्वागत किया है। ऐसे में उम्मीद है कि राज्य प्रशासन और बैंक को लेकर चल रही राजनीति अब बंद हो जायेगी।