अपने पिता से विरासत में मिली थी देश पर मर मिटने की सौगात जेकी शर्मा

    27-सितंबर-2018
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जम्मू कश्मीर में भारत पाकिस्तान नियंत्रण रेखा को एलओसी के नाम से जानते हैं। इसकी कुल लंबाई 7 सौ 16 किलोमीटर है जिस पर पाकिस्तान अक्सर सीज फायर का उल्लंघन करता रहता है। पाकिस्तान के तरफ से 2016 में 228 और 2017 में 860 बार सीज फायर का उल्लंघन किया जा चुका है।
 
इसी कड़ी में 11 अप्रैल 2018 को जम्मू कश्मीर के सुंदरबनी सैक्टर में एलओसी पर शाम के 5-30 बजे पाकिस्तान ने भारतीय पोस्ट पर अचानक से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले का मुहतोड़ जवाब देते हुए भारतीय सेना के राइफल मैन जेकी शर्मा ने अपने पोस्ट की कमान संभाली। राईफल मैन जेकी और उनके साथी ने पाकिस्तानी सेना को उसी की भाषा में जवाब दिया। पाकिस्तानियों की ओर से हमला धीरे धीरे तेज होता गया और उन्होंने जेकी की पोस्ट को नष्ट करने के लिए ऑटोमेटिक गनों और माॅर्टार का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया पर जेकी भी कहां पीछे हटने वाले थे उन्होंने भी अपनी पूरी ताकत से पाकिस्तानी पोस्ट पर हमला जारी रखा। कई घंटों तक चली इस फायरिंग में जेकी शर्मा बुरी तरह से घायल हो गए पर ये उनकी वीरता का ही परिणाम है कि उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक दुश्मनों का सामना किया।
 
 
जेकी शर्मा मूल रूप से जम्मू कश्मीर के हीरानगर सब ड़िवीजन के सन्याल गांव के रहने वाले थे। जम्मू कश्मीर के एक देश भक्त परिवार में पैदा हुए जेकी बचपन से ही फौजी बनना चाहते थे। बहादुरी और देश पर मर मिटने का जज्बा उन्हें अपने पिता से विरासत में मिला था जेकी के पिता भी सेना में ही थे और उनके दोनो बेटे भी उन्हीं की राह पर चलकर सेना में भर्ती हुए। जेकी ने जैसे ही अपनी पढ़ाई पूरी की वो देश सेवा के लिए जैक लाई में भर्ती हो गये।
 
 
 
वो जम्मू एंड कश्मीर 8 लाईट इंफैंट्री के जवान थे और आपको बता दे कि ये भारतीय सेना का वो रेजीमेंट है जिसके सैनिक अपनी वीरता के लिए तो जाने जाते ही हैं साथ ही साथ ही इस रेजिमेंट ने बहुत से खतरनाक ऑपरेशन को भी अंजाम दिया है।
 
राइफल मैन जेकी इसी रेजिमेंट के वो जाबाज सैनिक थे जिन्होने देश की रक्षा के जिए अपनी जान कुर्बान कर दी और वो अपनी छोटी सी बेटी और पत्नी को अकेला छोडकर हमेंशा के लिए चले गए। जेकी के इस अदम्य साहस को पूरा देश नमन करता है।