कश्मीर में हुई मॉब लिंचिंग पर सवाल क्यों नहीं \

    27-सितंबर-2018
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कहते हैं कि देश के लिए मर मिटना हर सिपाही का सपना होता है पर अगर किसी सैनिक को कुछ देश के गद्दार लोगों द्वारा पीट पीट कर मार डाला जाए तो इसे देखकर हर भारतीय का खून खौल उठता है। जी हां हम बात कर रहे हैं जम्मू कश्मीर पुलिस के डी. एस. पी. मुहम्मद अयूब पंडित की।
 
ये वही अयूब पंडित हैं जिन्हें 22 जून 2017 को श्रीनगर के जामिया मस्जिद के बाहर आतंकी सोच के लोगों द्वारा पीट पीट कर मार डला गया। मुहम्मद अयूब पंडित घाटी मैं मौजूद अलगाववादी और पाकिस्तान में मौजूद उनके आकाओं की आंखों में खटकते थे उनकी गलती सिर्फ इतनी थी कि वो एक सच्चे देश भक्त और एक ईमानदार पुलिस ऑफिसर थे] और शायद यही बात कश्मीर घाटी में बैठे अलगाववादी सोच के लोगों को पसंद नहीं आई।
 
डी. एस. पी. मुहम्मद अयूब पंडित 22 जून 2017 की रात श्रीनगर की जामिया मस्जिद में चल रहे ‘शब्बे कदर‘ की रात हुरियत नेता उमर फारूक और नमाज अदा करने आए नमाजियों की सुरक्षा की लिए तैनात थे। ये वहीं जामिया मस्जिद है जहां अलगाववादी नेता उमर फारूक घाटी के नौजवानों को बलगलाने के लिए भड़काऊ भाषण देता है। उस रात 11ः30 से 12 बजे के बीच में नमाज खत्म होने के बाद नमाजी जब मस्जिद से बाहर निकल रहें थे उस वक्त अयूब पंडित उन लोगों की हिफाजत के लिए तैनात थे। तभी नमाजियों की भीड़ से कुछ उन्मादी लोगों ने अयूब पंडित पर हमला कर दिया और देखते देखते वहां मौजूद पाकिस्तान के इशारे पर नाचने वाले देश के गद्दारों ने जाकिर मूसा और लश्कर ए तैयबा के नारे लगाते हुए डी एस पी अयूब पंडित को पीट पीट कर मार डाला।सुबह डयूटी से लौटर घर वालों के साथ ईद मनाने का वादा करके आए डी एस पी अयूब पंडित कभी लौट कर घर ना जा सके।

 
 
 
देश में मॉब लिंचिंग को लेकर बुद्धिजीवी और पत्रकार बहुत शेर मचा रहे हैं लेकिन उन लोगों को कश्मीर की जामिया मस्जिद के सामने उन्मादी भीड द्वारा डी. एस. पी. अयूब पंडित को पीट पीट कर मार डालने की घटना मॉब लिंचिंग क्यों नहीं लगी
वो मॉब लिंचिग जैसे गंभीर मामले पर बोलने में इतना पक्षपात कैसे कर सकते हैं।