छुट्टी से लौटा जवान 6 दिन बाद ही घर पहुंचा तिरंगे में लिपट कर
27-सितंबर-2018
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पाकिस्तान भारत के साथ हर बार सीज फायर का उल्ंलघन करता रहता है जिसके चलते आए दिन हमारे देश के बहादुर जवान शहीद होते रहते हैं। आज हम ऐसी ही एक शहादत को याद करेंगे जिन्होने अपनी छोटी सी उम्र में ही बहादुरी का लोहा मनवाया।
आज की कहानी है जम्मू के कठुआ जिले के मुकंदपूर गांव के रहने वाले आर्मी के जवान शुभम सिंह की। शुभम आर्मी के 15 जेक के जवान थे जो जम्मू कश्मीर के राजौरी में तैनात थे। 4 फरवरी 2018 की शाम अचानक से राजौरी सेक्टर में एलओसी के पास पाकिस्तानी सेना ने फायरिंग शुरू कर दी, पाकिस्तानियांे ने शुभम की पोस्ट पर काफी भयंकर की उन्होने सिर्फ बंदूक और माॅर्टार से ही हमला नहीं किया बल्कि एंटी टैंक मिसाईलों से भी उनके बंकर को निशाना बनाया। अचानक से हुए इस हमले का शुभम ने भी मुहतोड़ जवाब दिया। दोनो तरफ से चल रही इस गोलीबारी में पाकिस्तानियों की गोली ने शुभम को बुरी तरह से घायल कर दिया पर शुभम जान की परवाह किये बगैर अपनी पोस्ट पर डटे रहें। उन्होने अपनी पोस्ट से पीछे हटने के बजाय मौत को गले लगाना चुना, शुभम ने अपनी आखिरी सांस तक दुश्मनों का सामना किया और फिर शहीद हो गए।
शुभम आपने परिवार में तीन बहनों के इकलौते भाई थे, बहनांे का कहना है कि हमें हमारे भाई के जाने का गम तो है पर हमसब को उसकी शहादत पर नाज है। घर वालों ने बताया कि शुभम दो साल पहले ही सेना में भर्ती हुआ था, उसकी पहली पोस्टिंग राजस्थान में थी और अभी कुछ महीने पहले ही वो जम्मू कश्मीर के राजौरी में तैनात हुआ था। शुभम 24 जनवरी को छुट्टी पर घर आए थे और 29 जनवरी को वापस डयूटी पर गए थे पर कौन जानता था कि 6 दिन के बाद ही शुभम तिरंगे में लिपटे हुए वापस आ जाएगें। मात्र 23 साल की छोटी सी उम्र में शुभम ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान देदी। शुभम के इस साहस को पूरा देश सलाम करता है।