लंदन ईवीएम हैकिंग ड्रामा: कांग्रेस का लोकतंत्र का अपहरण करने का अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र
   21-Jan-2019
Pushker Awasthi
 
सोमवार को लंदन में अमेरिका के एक हैकर, जिसने अपनी पहचान छुपा रखी थी, ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुतर्कसंगत दावा किया। एक, कि भारत के 2014 के चुनाव में ईवीएम को हैक किया गया था और दूसरा ईवीएम मशीन हैक की जा सकती है। इतना बड़ा आरोप लगाने वाले ने अपनी बात की पुष्टि के लिए न कोई साक्ष्य प्रस्तुत किये और न ही कोई साक्ष्य देने की बात कही है। यह सिर्फ और सिर्फ लांछन लगाने के लिए किया गया आरोप है।
 

 
 
मेरे लिए यह कुछ नहीं है। यह भारत मे 2019 के लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए सिर्फ कांग्रेस का अंतरराष्ट्रीय स्तर का, विदेश की भूमि पर रचा हुआ एक और षणयंत्र है। कैम्ब्रिज अनेलिटिकल के बाद विदेश की भूमि से कांग्रेस का यह एक और कुटिल प्रयास है। इस बार कांग्रेस ने, पर्दे में छिपी एक आवाज़ का सहारा, इस आशा से लिया है कि इस प्रयास से भारत मे ईवीएम को लेकर लोगो मे संदेह के बीजारोपण हो जाएगा। मैं इस तथाकथित हैकर के पीछे कांग्रेस का हाथ इस लिए कह रहा हूँ क्योंकि वहां कपिल सिब्बल और द वायर के पत्रकार पहुंचे थे और यह प्रेस कांफ्रेन्स पूरी तरह प्रायोजित थी।
 
 
 
 
 
जब से कांग्रेस 2014 में सत्ता से बाहर हुई है तभी से ईवीएम से छेड़छाड़ को लेकर सबसे ज्यादा बात कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने की है। आज ये कांग्रेसी यह समझ चुके है कि वे 2019 के लोकसभा चुनाव में बिना बेईमानी किये, नरेंद्र मोदी की सरकार को नहीं हरा सकते हैं। वे जानते है कि मोदी जी का फिर से प्रधानमंत्री बन कर आना न सिर्फ उनका अस्तित्व समाप्त करेगा बल्कि उनके ईकोसिस्टम भी नष्ट हो जाएगा। उन्हें यह ईवीएम अपने रास्ते का सबसे बड़ा रोड़ा लग रहा है। यह ईवीएम ही वो अस्त्र है जो राहुल गांधी की कांग्रेस को बेईमानी से लोकतंत्र का अपहरण करने से रोक रही है।
 
 

 
कांग्रेस का उद्देश्य यही है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत, उसके इलेक्शन कमीशन व चुनाव में उपयोग होने वाली ईवीएम को इतना कलंकित कर दिया जाय कि भारत की सत्यपरायण, आदर्शवादी जनता के मन में संदेह पैदा हो जाये और फिर सर्वोच्च न्यायालय के जरिये, चुनाव में ईवीएम के प्रयोग पर रोक लगवा दी जाए। जिससे कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों का प्रिय रहा बैलट बॉक्स एक बार फिर 2019 के चुनाव में प्रयोग किया जाय और बाहुबल के आधार पर उसमे पड़ने वाले मतों का अपहरण किया जा सके।
 
यदि लोग यह सोच रहे है कि यह सिर्फ कांग्रेस का ही षणयंत्र है तो यह गलत है। यह भारत की बढ़ती शक्ति व आर्थिक रूप से स्वावलंबी होते भारत को घुटने पर फिर बैठाने का एक अंतरराष्ट्रीय षणयंत्र है। मुझे इस बात पर कोई भी संदेह नही है कि कांग्रेस ने सत्ता में फिर से वापस आने के लिए भारत का सौदा इन शक्तियों से कर लिया है। यह पाकिस्तान, चीन या युद्ध सामग्री बनाने वाली कम्पनियां भी हो सकती है।
 
 
 
 
 
भारत निसंदेह एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जहां, स्वार्थ का बोलबाला है। आज जब यह बार-बार सिद्ध हो चुका है कि भारत के हिंदुओं की संवेदनशीलता व उनमें दूरदृष्टि का अभाव उनको स्वार्थी बनाते है और वे आज के लिए अपने ही कल की हत्या बार-बार करते है, तब यह अंतरराष्ट्रीय मकड़जाल और भी भयावह है।
 
मेरा मित्रों से यही आग्रह है कि यह संधिकाल है। यह काल अर्जुन की दुविधा का काल नही है। यह एक युद्ध है और हमारे लिए सिर्फ नेतृत्व का आंख बंद कर भरोसा करके अपने शत्रुओं का संहार करने का काल है। यह जो आज हुआ है, इससे भी बड़े बड़े अभी और आक्रमण होंगे और ये आपके विश्वास को लड़खड़ाने का प्रयास करेंगे। यहां आप यह याद रखिये की इन द्रोहियों को यह अच्छी तरह पता है कि आपके होते कांग्रेस या कोई भी गठबंधन उनको जीतने नही देगा इसलिये वे आपके विश्वास व मन से खेलेंगे। वे आपको युद्ध भूमि से दूर दुविधा, संशय व हीनता के जगत में ले जाना चाहते है।
  
वो षणयंत्र करते रहेंगे लेकिन आप उनका प्रतिघात करते रहिये क्योंकि 2019 का चुनाव जहां सिर्फ भारत के अस्तित्व का भविष्य तय करेगा वही भारत के हिंदुओं की अगली पीढ़ी श्राद्ध करने वाली होगी कि नही, यह भी तय करेगा।
 
(Disclaimer: उपरोक्त लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के निजी विचार हैं. इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति  JammuKashmirNow उत्तरदायी नहीं है)