पाकिस्तान: एक और हिंदू नाबालिग लड़की अगवा, धर्मांतरण कर कराई शादी, इमरान की ‘मदीना की रियासत’ में 1000 हजार बच्चियों का अपहरण और जबरन धर्मांतरण
   22-Jan-2019
 
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में थार इलाके में एक और नाबालिग हिंदू लड़की के अपहरण का मामला सामने आया है, यहां मुस्लिम पड़ोसियों ने 16 साल की अनुषा मेघवार को न सिर्फ अगवा किया। बल्कि उसका जबरदस्ती धर्मांतरण करा कर उसकी शादी भी करा दी गयी। उससे बड़ी हैरानी की बात ये है कि शादी थार की कोर्ट में करायी गयी। जबकि सिंध हुकूमत के कानून के मुताबिक 18 साल की उम्र से कमतर लड़की की शादी अवैध है। लेकिन अनुषा के मामले में थार कोर्ट न तो कोई सर्टिफिकेट मांगा, न ही कोई अनुषा के घरवालों की मंजूरी। जाहिर है पाकिस्तान की कोर्ट्स भी पाकिस्तान में हिंदू बच्चियों के अपहरण के इस धंधे में शामिल हैं। अनुषा मेघवार के घरवालों ने पुलिस में इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की लेकिन न तो उनकी रिपोर्ट दर्ज कराई गयी, न ही अनुषा के स्कूल के सर्टिफिकेट दिखाने के बावजूद नाबालिग की शादी रोकने की कोशिश की गयी। जबकि अनुषा की दसवीं के सर्टिफिकॉ साफ ये साबित करते हैं कि अनुषा की उम्र सिर्फ 16 साल है।
 

 
 
साल में 1000 बच्चियों का होता है अपहरण और जबरन धर्मांतरण
पाकिस्तान की सोशल मीडिया पर इसकी खबर आने के बाद भी पाकिस्तान की सरकार ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। जबकि पाकिस्तान के पीएम हर तीसरे भाषण में नये पाकिस्तान को मदीना की रियासत की तर्ज पर बनाने का दावा करत रहते हैं, जहां अल्पसंख्यकों को बराबरी के पूरे हकूक मिलेंगे। लेकिन हकीकत और चौंकाने वाली है..
 
 
रिसर्च के मुताबिक इन बच्चियों की उम्र 12-25 साल के बीच हैं। हालाकिं इनमें ज्यादातर लड़कियां क्रिश्चियन हैं, रिसर्च के मुताबिक प्रति 100 पीड़ित लड़कियों में अनुपात 70:30 का है, यानि 70 फीसदी क्रिश्चियन और 30 फीसदी हिंदू।
 
 
मूवमेंट फॉर सोलिडरिटी एंड पीस की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में एक साल में 1000 से ज्यादा लड़कियों का अपहरण हो रहा है, उसके बाद उनका जबरन धर्मांतरण कर उनकी शादी मुस्लिम लड़कों से करा दी जाती है। इसमें से ज्यादातर मामलों में शादी उम्रदराज मुस्लिमों से कराये जाने की रिपोर्ट है। पाकिस्तान के जबरन धर्मांतरण के इस खेल में स्थानीय प्रशासन की पूरी मिलीभगत है, सभी पैसे और इस्लामिक शवाब कमाने के लिए जबरन धर्मांतरण में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
 

अपहरण, धर्मांतरण और जबरन शादी का है एक सेट पैटर्न
 
 
एमएसपी (मूवमेंट फॉर सॉलिडरिटी एंड पीस) की रिसर्च में अपहरण, धर्मांतरण और जबरन शादी का है एक सेट पैटर्न सामने आया है। जोकि पंजाब और सिंध प्रांत में अपनाया जा रहा है।
 
मुस्लिम लड़की का अपहरण करते हैं, उसका जबरन धर्मांतरण कर किसी भी मुस्लिम शख्स से शादी करा दी जाती है।
 
पीड़िता के घरवाले लोकल थाने में अपहरण और रेप की रिपोर्ट दर्ज कराते हैं। इसमें या तो लोकल पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती है, लेकिन अगर दबाव में केस दर्ज कर भी लिया गया। तो अपहरण करने वाले आरोपी भी एक काउंटर एफआईआर दर्ज कराता है। शादीशुदा लड़की और घरवालों को प्रताड़ित करने का।
 
ऐसी स्थिति में दोनों मामले कोर्ट में जाते हैं, इस दौरान लड़की कस्टड़ी में रहती है। कोर्ट में जज लड़की से पूछता है कि उसने मर्जी से शादी की है या नहीं। ऐसी स्थिति में ये पहले से दबाव देकर तय किया जाता है कि लड़की आरोपी के पक्ष में हां करे।
 
आकंड़े बताते हैं कि ऐसे में 95 फीसदी मामलों में केस का निपटारा अपहरण करने वालों के पक्ष में आया है। जिसके बाद दोनों केस खारिज कर दिये जाते हैं और जबरन धर्मांतरण और शादी को कानूनी मान्यता दे दी जाती है।
 
चूंकि ज्यादातर केस गरीब घरवालों के साथ होते हैं, इसीलिए कोई भी हायर कोर्ट में इन मामलों को चुनौती नहीं देता है। इस प्रकार पाकिस्तान में जबरन धर्मांतरण का धंधा फल-फूल रहा है।