J&K: सवार विजय कुमार मरणोपरांत कीर्ती चक्र से सम्मानित, जानिये कैसे इस वीर ने आतंकियों पर पाई विजय
   25-Jan-2019

 
विजय कुमार राष्ट्रीय रायफल की 22वीं बटालियन में सवार के तौर पर तैनात बारमूला जिले में तैनात थे। 2 अगस्त को सुरक्षाबलों को खबर मिली कि दारसू गांव में आतंकियों के छिपे होने की सूचना है। जिसको देखते हुए इलाके में ऑपरेशन विजय दारसू लॉन्च किया गया। विजय कुमार इस सर्च ऑपरेशन में गाइड थे। विजय की सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों नेमाम रास्तों को सील कर दिया। रात को करीब ढाई बजे आतंकियों ने घेरा तोड़ने के लिए सुरक्षाबलों पर फाय तरिंग शुरू कर दी।
 
सवार विजय ने साहस का परिचय देते हुए आतंकियों को जबरदस्त फायरिंग से जवाब दिया। जिससे घबराकर आतंकी फिर से खेतों में छिप गये। 3 अगस्त की सुबह सवा 9 बजे आतंकियों ने मेजर वरूण गौर की टुकड़ी पर फिर से फायरिंग करना शुरू कर दिया। अपने साथियों पर फायरिंग होते देख कवर फायरिंग देने के लिए विजय कुमार ने आतंकियों पर जबरदस्त फायरिंग करना शुरू कर दिया।
 
इससे आर्मी के जवानों को अपनी पॉजिशन लेने का मौका मिला। इस बीच विजय ने एक आतंकी को ढेर कर दिया, लेकिन विजय को भी गोली लग चुकी थी। लेकिन विजय पीछे नहीं हटे और अपने साथी जवान की कवर फायरिंग का फायदा उठाते हुए विजय कुमार ने आगे बढ़कर दूसरे आतंकी को भी अपने काबू में कर लिया और गोली लगने के बावजूद अपने हाथों से उस आतंकी को भी मौत के घाट उतार दिया। विजय कुमार के इस साहस को देख सब हैरान थे। जिसने अकेले 2 आतंकियों को ढेर कर दिया था। लेकिन विजय कुमार भी गोली लगने के कारण शहीद हो गये। भारत सरकार ने विजय कुमार के इस साहस का सम्मान करते हुए कीर्ती चक्र से नवाजा है।