2019 शौर्य-चक्र विजेताओं की शौर्यगाथा: जिन्होंने जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों की जड़ें नेस्तानाबूद कर डाली
   26-Jan-2019
साल 2018 जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे के साल रहा, जब भारतीय सुरक्षाबलों में एक तरफ पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की जड़ों को चुन-चुन कर खत्म किया। दूसरी तरफ लाइन ऑफ कंट्रोल पर पाकिस्तानी सेना की आक्रामकता और घुसपैठ को भी नाकाम किया। इस साल कुल 259 आतंकियों को मार गिराया गया। लेकिन इस सफलता की इबारत लिखी इन 9 शौर्य चक्र विजेताओं ने, जिन्होंने जान की बाज़ी लगाकर देश के झंडे की शान और संवैधानिक मूल्यों पर आंच नहीं आने दी। इन वीरों में हरेक की शौर्य गाथा किसी सुपरहीरो से कम नहीं है।
 
 
1. शौर्य चक्र- लेफ्टिनेंट कर्नल विक्रांत पराशर
 
 
 
 
10 बटालियन पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्सेज) में तैनात लेफ्टिनेंट पराशर को एक A +++ श्रेणी के आतंकवादी के सेंट्रल कश्मीर में होने की खबर मिली l एक छोटी टीम लेकर वे भीड़ भरे बाजार में पहुँचे, जहाँ अचानक वो आतंकवादी उनके सामने आ गया। तुरंत चपलता से, अपनी जान की परवाह किये बिना, उन्होंने इस खूंखार आतंकवादी को मार गिराया l उनकी इस वीरतापूर्ण और खतरनाक कार्य के लिए शौर्य चक्र प्रदान किया गया l
 
 
 
2- शौर्य चक्र- मेजर अमित कुमार डिमरी
 
 
मेजर अमित गढ़वाल रेजिमेंट, 10वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे, २० सितम्बर २०१८ को जम्मू कश्मीर के बांदीपोरा ज़िले में पांच आतंकवादियों के छुपे होने की सूचना मिलते ही मेजर डिमरी ने 'ऑपरेशन शोकबाबा' शुरू कर दिया I सावधानीपूर्वक मेजर डिमरी और उनकी टीम ने गौशाला में छुपे आतंकवादियों को घेर लिया I बचकर भागने का प्रयत्न कर रहे दो आतंकियों को उन्होंने मार गिराया I बाकी आतंकियों को मारने वे गोलियों की बौछार के बीच गौशला के अंदर चले गए और उन्हें भी मार गिराया I उनके इस अदम्य सहस और अनुसरणीय वीरता के लिया शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
 
 
 
3- शौर्य चक्र- मेजर इम्लियकुन कैट्जर

 
 
 
4, गोरखा राइफल्स, 4 बटालियन में तैनात मेजर कैटज़र जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के केरेन सेक्टर सीमा नियंत्रण रेखा पर तैनात थे। यहां मेजर कैट्जर ने 'ऑपरेशन रेखा' का नेतृत्व किया I  9 जून 2018 को, आतंकवादियों को ढूँढ़ते, अपनी जान पर खेलकर, बर्फ से ढकें, दुर्गम ऊँचाई वाले क्षेत्र में रेंगते हुए आगे बढ़कर उन्होंने तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया I निस्वार्थ भाव से प्रेरित मेजर कैट्जर ने साहस और शूर वीरता का परिचय दिया जिसके लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया I
 
 
4- शौर्य चक्र- मेजर रोहित लिंगवाल
 
 
 
9वीं बटालियन, पैराशूट रेजिमेंट में तैनात मेजर रोहित लिंगवाल जम्मू कश्मीर में सीमा नियंत्रण रेखा पर पोस्टेड थे। उन्हें सूत्रों से पता चला कि खूंखार आतंकवादी उनकी ही पोस्ट हमला करने की ताक में बैठे हैं I मेजर लिंगवाल अपनी टुकड़ी के साथ सही समय की राह देखते रहे और आतंकवादियोँ के करीब आने पर उनपर हमला कर उनके लीडर को मार गिराया, जिस से उनकी टुकड़ी पर कोई हमला नहीं हुआ I मेजर लिंगवाल की वीरता, साहस, दृढ नेतृत्व और सूझबूझ के लिये उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया
 
 
5- शौर्य चक्र- कप्तान अभय शर्मा- सेना मैडल
 
 

 
अभय शर्मा 1 बटालियन, पैराशूट रेजिमेंट जम्मू कश्मीर में सीमा नियंत्रण रेखा पर पोस्टेड थे। यहां पहरा देने के लिए कप्तान शर्मा की टीम तैनात थी I 21 अप्रैल 2018 को उन्होने हथियारों से लैस 10 दुश्मनों को आते देखा I उन्होंने दुश्मन पाकिस्तान के 3 सिपाही मार गिराए, तीन बंकर नष्ट कर दिए. और उनके हथियार भी छीन लिए I उनके इस साहसी और प्रेरणादायक नेतृत्व के लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
 
 
6- शौर्य चक्र- कप्तान अभिनव कुमार चौधरी
 

 
21 राष्ट्रीय राइफल (गार्ड्स) में तैनात कैप्टन अभिनव को 7 अगस्त 2018 को विश्वसनीय सूत्रों से पता चला कि जम्मू कश्मीर के बारामुला ज़िले के लिद्दर पंजाल में घुसपैठिये हैं I अपनी कुशाग्रता और वीरता से कप्तान चौधरी ने ख़राब मौसम होने के बावजूद, अपनी सुरक्षा की चिंता किया बिना लश्कर इ तैय्यबा के पाँचों विदेशी आतंकवादियों को मार गिराया I उन की वीरता और सूझबूझ के लिए उन्हें शौर्य चक्र प्रदान किया गया।
 
 
7- शौर्य चक्र- लांस नायक अय्यूब अली
 
 
 
राजपुताना राइफल्स, 9वीं बटालियन राष्ट्रीय राइफल्स के नायक अय्यूब 15 सितम्बर 2018 को हथियारों से लैस पाँच आतंकवादियों को राष्ट्रीय राइफल्स ने एक मकान में घेर लिया. जब आतंकियों ने भागने की कोशिश में २ जवानों को घायल कर दिया. साथी सैनिकों को घायल देख अपने प्राणों को जोखिम में डालकर अय्यूब अली ने आतंकियों पर गोली चलायी, जिसमें एक मारा गया I अपनी गोलियों से उन्होंने आतंकियों का ध्यान बँटाये रखा जिस से घायल सैनिक सुरक्षित स्थान में ले जाये जा सकें। उनकी इस निर्भीकता और वीरता के लिया उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
 
 
8- शौर्य चक्र- सिपाही अजय कुमार
 

 
42, राष्ट्रीय राइफल्स के सिपाही अजय कुमार की घातक पलटन 24 अप्रैल 2018 सर्च कर रही थी जहाँ उन पर ज़बरदस्त गोलितों की बौछार हुई, जिसमें जवाबी कार्यवाई में अजय कुमार घायल हो गए I परन्तु इससे पहले उन्होंने जैश-ए- मुहम्मद के A +++ आतंकियो को मार डाला। अविस्मरणीय साहस, बुद्धिमानी और अपने साथियों की सुरक्षा के लिए अपनी जान पर खेलने वाले सिपाही अजय कुमार को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
 
 
9- शौर्य चक्र- सैपर महेश एच एन
 
 

 
44, राष्ट्रीय राइफल्स के महेश जम्मू कश्मीर में तैनात थे। 3 अगस्त 2018 को जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों की सूचना मिलने पर उनको घेरने का ऑपरेशन शुरू किया गया। सैपर महेश को पूरा इलाके की जानकारी थी इसलिए उन्होंने आतंकियों भागने का कोई रास्ता नहीं छोड़ा I रात को आतंकियों ने उनकी टीम पर गोलियों की बौछार कर भागने का प्रयत्न किया. इसके बावजूद महेश लड़ते रहे I महेश ने एक आतंकी को मार गिराया जो लश्कर ए तैयबा का खतरनाक आतंकवादी था। फौलादी हिम्मत और अदम्य साहस के लिए उन्हें सौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।