अशोक चक्र नज़ीर वानी की पत्नी महज़बीं ने कहा - ''कश्मीर में नौजवानों को सही रास्ता दिखाउंगी''
   26-Jan-2019
 
 
''मैं अपनी तरह से, कश्मीर के बच्चों और नौजवानों को सही रास्ता दिखाउंगी और बताउंगी कि उन्हें कश्मीर के लिए कुछ करना होगा। अगर वो गलत रास्ते पर जा रहे होंगे तो मैं उन्हें रोकूंगी'' ये शब्द हैं अशोक चक्र से सम्मानित शहीद नज़ीर वानी की पत्नी महज़बीं के। जोकि खुद एक स्कूल टीचर हैं और दो बच्चों की माँ हैं। महज़बीं ने गणतंत्र दिवस परेड में राष्ट्रपति कोविंद के हाथों से अशोक चक्र सम्मान ग्रहण किया। इसके बाद राष्ट्रपति भवन में At Home कार्यक्रम में भी महज़बीं अपने परिवार समेत मौजूद थी।
 
कश्मीर घाटी के नौजवानों बारे में पूछे जाने पर महज़बीं ने कहा कि ''मैं नौजवानों और स्कूली बच्चों के लिए काम करना चाहती हूँ, क्योंकि वहीँ कश्मीर का भविष्य हैं। मेरे पति का व्यक्तित्व और उनका मेरे लिए प्यार मुझे ऐसा करने के लिए प्रेरित करता है। अपने बच्चों अथर और शाहिद में वो एक को डॉक्टर और इंजीनिअर बनाना चाहते थे मैं उनका सपना पूरा करूंगी। ''
 

 
 
नज़ीर वानी के बारे में पूछे जाने पर महज़बीं ने कहा कि -'' वो हमसे बहुत प्यार करते थे, हमेशा सही राह दिखाते थे। वो हमेशा हमें अपने आस-पास के लोगों को खुश रखना सिखाते थे, दूसरों की मुसीबते दूर करने को कहते थे। वो एक अच्छे पति थे, जो हमेशा प्रोटेक्ट करना चाहते थे। एक टीचर के नाते मेरा अब यही मकसद है की मैं कश्मीर के नौजवानों और बच्चों को सही राह दिखाऊं, मेरे पति इसमें मेरी प्रेरणा हैं।''
 
दरअसल 25 नवम्बर को शोपियां में आतंकियों के साथ एक एनकाउंटर में नज़ीर वानी ने अदम्य साहस और उग्रता का एक उदाहरण पेश किया,जान की बाज़ी लगाते हुए नज़ीर ने २ आतंकियों को मार गिराया और खुद भी शहीद हो गए। कुलगाम जिले के रहने वाले नज़ीर भी पहले आतंकी थे , लेकिन नज़ीर ने आतंक का रास्ता छोड़ 2004 में जम्मू कश्मीर लाइट इन्फेंट्री ज्वाइन की और दो बार सेना मैडल भी जीता। नज़ीर वानी पहले कश्मीरी हैं जिन्हे अशोक चक्र से सम्म्मानित किया गया है।