‘डार्क ग्रे’ लिस्ट में शामिल होने की कगार पर पाकिस्तान, FATF 18 अक्टूबर को करेगा अंतिम फैसला
   15-अक्तूबर-2019
 
 
 
पेरिस में फायनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की मीटिंग जारी है। जिसमें पाकिस्तान एक बार फिर टेरर फायनेंसिंग पर रोक लगा पाने के मामले में एफएटीएफ में शामिल सदस्यों को आश्वस्त करने में नाकामयाब रहा है। टेरर फायनेंसिंग पर रोक लगाने के लिए एफएटीएफ द्वारा जारी 27 आयटम यानि स्टैंडर्ड में से पाकिस्तान सिर्फ 6 पर खरा उतरा है। इसका सीधा मतलब ये है कि पाकिस्तान जोकि फिलहाल ग्रे लिस्ट में है, को डार्क ग्रे लिस्ट में डाला जा सकता है।
 
 
डार्क ग्रे लिस्ट, ग्रे-लिस्ट और ब्लैक लिस्ट के बीच की एक और स्टेज है। यानि डार्क ग्रे लिस्ट में डालने के बाद पर और पाबंदियां लग सकती हैं और ये पाकिस्तान के लिए सुधरने का अंतिम मौका होगा। अगर इस बार पाकिस्तान टेरर फायनेंसिंग पर कार्रवाई करने में नाकामयाब रहा तो पाकिस्तान का ब्लैकलिस्ट होना तय है।
 
 
पाकिस्तान के भविष्य पर अंतिम फैसला एफएटीएफ की मीटिंग के आखिरी दिन यानि 18 अक्टूबर को होगा।
 
 
आपको बता दें कि एफएटीएफ में ज्यादातर देश टेरर फायनेंसिंग को रोकने के लिए पाकिस्तान द्वारा उठाये गये कदमों से नाखुश हैं। लिहाजा पाकिस्तान का ब्लैक-लिस्ट में डाला जाना लगभग निश्चित था, लेकिन 3 देश जोकि एफएटीएफ में पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में शामिल न किये जाने के लिए भरपूर ज़ोर लगा रहे हैं। ये हैं चीन, टर्की और मलेशिया। लिहाजा ज्यादा उम्मीद यहीं है कि पाकिस्तान को तुरंत ब्लैकलिस्ट में शामिल किये जाने के बदले डार्क-ग्रे लिस्ट में डालकर एक मौका और दिया जा सकता है।
 
 
आपको बता दें यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल की 1989 में स्थापित फायनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स को दुनिया भर में फैले टेरर नेटवर्क की फायनेंस नेटवर्क को रोकने के लिए स्थापित किया गया था।
 
 
 
जून, 2018 में इसी एफएटीएफ ने पाकिस्तान को टेरर फायनेंसिंग पर रोक न लगा पाने के लिए ग्रे-लिस्ट में डाला था। अब डार्क ग्रे लिस्ट में डालने के बाद पहले से कर्ज़ में डूबे पाकिस्तान के लिए आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, यूरोपियन यूनियन आदि संगठनों से आर्थिक सहायता लेना लगभग असंभव हो जायेगा। जोकि पहले से डूबती पाकिस्तान की इकॉनोमी के लिए ताबूत में अंतिम कील साबित हो सकता है।