#370 पर कांग्रेस का यू-टर्न, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बयान- “हमने आर्टिकल को हटाने का विरोध नहीं किया, हटाने के तरीके का विरोध किया”
   17-अक्तूबर-2019

 
आर्टिकल 370 को हटाने का पार्लियामेंट और फिर बाद में लगातार विरोध करने पर कांग्रेस को राजनीतिक तौर पर चौतरफा नुकसान झेलना पड़ा रहा है। महाराष्ट्र और हरियाणा में चुनाव के दौरान कांग्रेस को ये बात समझ आने लगी है। लिहाजा कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जरिये आर्टिकल 370 पर अपने स्टैंड पर यू-टर्न लिया है। मनमोहन सिंह ने गुरूवार को कहा कि 370 टेम्परेरी था और कांग्रेस ने आर्टिकल 370 को हटाने का विरोध नहीं किया, बल्कि उसको हटाने के तरीके का विरोध किया।
 
मुंबई में कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मनमोहन सिंह ने आर्टिकल 370 को हटाने के विरोध संबंधी सवाल पर कहा कि “जब ये बिल पार्लियामेंट के सामने आया, आर्टिकल 370 के ऊपर जो बातचीत हुई। तो कांग्रेस पार्टी ने इसके हक में वोट दिया, इसके खिलाफ वोट नहीं दिया। कांग्रेस पार्टी का ये विचार है कि आर्टिकल 370 टेम्परेरी था, लेकिन अगर इसको हटाने का बिल लाना था तो इसको इस तरह लाया जाना चाहिए था। जिससे जम्मू कश्मीर के लोगों का भला हो। लेकिन जिस तरीके से ये बिल लाया गया, हमने उसका विरोध किया। न कि हमसे आर्टिकल 370 को हटाने का विरोध किया।”
 
 
जाहिर है मनमोहन सिंह का ये जवाब 5 अगस्त के बाद से कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और गुलाम नबी आजाद के नेताओं के एकदम अलग है। कांग्रेस के नेता आर्टिकल 370 की जरूरत और इसके हटाने को जम्मू कश्मीर के अधिकारों का उल्लंघन जैसी दलील देते रहे हैं।
 
लेकिन महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस का ये दांव उनपर भारी पड़ता दिखा रहा है, लिहाजा मनमोहन सिंह के कंधे पर कांग्रेस ने फिर से बंदूक चलाने की कोशिश की है।