31 अक्टूबर को शपथ लेंगे जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पहले उप-राज्यपाल, पीएम मोदी करेंगे दोनों प्रदेशों के लिए नयी विकास योजनाओं की घोषणा
   26-अक्तूबर-2019

 
गृह मंत्रालय ने तमाम कयासों के ठीक उलट जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पहले उप-राज्यपालों की घोषणा कर दी है। वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव गिरीश चंद्र मुर्मू केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के पहले राज्यपाल होंगें, जबकि रिटायर्ड आईएएस राधाकृष्ण माथुर लद्दाख के उप-राज्यपाल नियुक्त किये गये हैं। ताज़ा सूचना के मुताबिक दोनों उपराज्यपालों के जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल 31 अक्टूबर को शपथ दिलायेंगी। इस वक्त शपथ ग्रहण की तैयारियां जोरों पर हैं।
 
बताया जा रहा है मौजूदा राज्यपाल सत्यपाल मलिक उससे ठीक पहले अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंप देंगे और गोवा के राज्यपाल के तौर पर अपना कार्यभार संभाल लेंगे।
 
इस बीच 31 अक्टूबर यानि सरदार पटेल की जन्म जयंती के अवसर पर शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्टेच्यू ऑफ यूनिटी पर आयोजित खास कार्यक्रम में शिरकत लेंगे। जिसमें जम्मू कश्मीर से संबंधित 370 को हटाकर एकीकरण पूरा करने से लेकर दोनों प्रदेशों के लिए ड्राफ्ट की गयीं विकास योजनाओं की घोषणा करेंगे।
 
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार के हरेक मंत्रालय ने दोनों प्रदेशों के लिए खास योजनाएं तैयारी की हैं। जिन सभी की घोषणा पीएम मोदी इस कार्यक्रम में करेंगे। इसके लिए तमाम मंत्रालय पिछले 2 महीनों से तैयारियां कर रहे हैं।
 

जी सी मुर्मू और आर के माथुर क्यों हैं बेस्ट-च्वाइस?
 
JK Now ने 12 अक्टूबर को खबर के जरिये बताया था, कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर और लद्दाख में गैर-राजनीतिक और नये उप-राज्यपाल नियुक्त करने का फैसला किया। पिछले डेढ़ साल के दौरान केंद्र सरकार को राज्यपाल सत्यपाल मलिक के राजनीतिक बयानों के चलते कई बार किनारा करना पड़ा था।
 
लिहाजा केंद्र सरकार ने फैसला कर लिया था, कि दोनों प्रदेशों में गैर-राजनीतिक और गैर-विवादित शख्स को ही नियुक्त किया जायेगा। लिहाजा सरकार ने 2 आईएएस अधिकारियों को इसके लिए चुना, ताकि नये उप-राज्यपाल बिना राजनीतिक बयानबाजी के सिर्फ विकास कार्यों पर फोकस करें।
 
आपको बता दें कि आर्टिकल 370 को हटाने के फूल-प्रूफ प्लान को तैयार करने की कमान केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर के नव-नियुक्त उप-राज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू को ही सौंप रखी थी। मुर्मू ने 6 महीनों की कड़ी मेहनत से अपनी टीम के साथ बेहद सीक्रेट तरीके इस प्लान को अपने अंजाम तक पहुंचाया। ये प्लान इतना सीक्रेट था कि अंत समय तक मौजूदा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार अजीत दोभाल भी इससे अंजान ही रहे।
 
इन 6 महीनों के दौरान मुर्मू ने जम्मू कश्मीर के हरेक पहलू का गहन अध्ययन किया था, जिसका नतीजा सबके सामने है।
 
लद्दाख के पहले उप-राज्यपाल राधाकृष्ण माथुर भी मुर्मू की तरह एक बेहद काबिल ब्यूरोक्रेट हैं, खासतौर पर रक्षा और सामरिक मामलों पर उनकी गहरी समझ है। चीन और पाकिस्तान द्वारा लद्दाख की जमीन पर अवैध कब्जा आने वाले समय में एक बड़ा मुद्दा बनने की संभावना है। यानि आने वाले समय में लद्दाख जम्मू कश्मीर से भी ज्यादा फोकस में रहने वाला प्रदेश हो सकता है। जाहिर है वहां एक काबिल प्रशासक की ज़रूरत थी, जिसको सामरिक मामलों की गहर समझ हो। लिहाजा सरकार ने राधाकृष्ण माथुर को चुना है।