31 अक्टूबर और हमेशा के लिए बदल गया जम्मू कश्मीर और लद्दाख, अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश घोषित, राष्ट्रपति ने जारी किया आदेश
   31-अक्तूबर-2019

 
 
जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के मुताबिक 31 अक्टूबर से जम्मू कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बन गये हैं। गुरूवार सुबह राष्ट्रपति ने आधिकारिक आदेश जारी कर इसकी घोषणा कर दी है। इस आदेश का नाम “जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (कठिनाइयों को दूर किया जाना) आदेश, 2019” दिया गया है।
 
 
इसी के साथ दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में कुल 106 केंद्रीय कानून लागू हो गये हैं। जिनमें आधार एक्ट, द लिमिटेशन एक्ट, दहेज निरोधी एक्ट, आरटीआई, आरटीई जैसे एक्ट शामिल हैं।
 
 
पुनर्गठन एक्ट लागू होने से पहले राज्य के कानूनों में से 7 ऐसे एक्ट हैं, जोकि संशोधन के साथ लागू होंगे। इनमें द जम्मू कश्मीर रिजर्वेशन एक्ट और द ट्रांसफर ऑफ प्रॉपर्टी एक्ट शामिल हैं।
 
 
31 अक्टूबर से राज्य के करीब 164 कानूनों को रद्द कर दिया गया है, जिसमें 11 राज्यपाल के एक्ट भी शामिल हैं। इनके स्थान पर संघीय कानूनों ने ले ली है।
 
 
इसके अलावा निवर्तमान राज्य के कुल 166 कानूनों को जम्मू कश्मीर और लद्दाख में बिना किसी संशोधन के लागू रखा गया है। यानि दोनों प्रदेशों में ये कानून पहले की तरफ लागू रहेंगे। इनमें सिविल कोर्ट एक्ट, सिविल सर्विसेज एक्ट, फायनेंस कमीशन एक्ट, लैंड ग्रांट्स एक्ट, हाउसिंग बोर्ड एक्ट, म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट और माता वैष्णों देवी श्राइन एक्ट जैसे कानून शामिल हैं।
 
 
31 अक्टूबर से दोनों प्रदेशों का प्रशासन भी अलग हो चुका है। लद्दाख के पहले उप-राज्यपाल के तौर पर राधाकृष्ण माथुर ने लेह में करीब साढ़े 7 बजे शपथ ग्रहण की। जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने उप-राज्यपाल को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
 
 
 
 
 
इसके बाद जम्मू कश्मीर के पहले उप-राज्यपाल के तौर पर गिरीश चंद्र मूर्मु ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। चीफ जस्टिस गीता मित्तल ने करीब साढे 12 बजे श्रीनगर में उप-राज्यपाल को शपथ दिलाई। 
 
 
इससे पहले आईपीएस एस.एस. खंडारे को लद्दाख का डीजीपी बनाया गया था, जबकि उमंग नंदा को उप-राज्यपाल का नया एडवाइज़र घोषित किया गया है।