पाकिस्तान आतंकियों पर रोक लगा पाने में नाकाम, FATF के एशिया पैसिफिक ग्रुप की रिपोर्ट, 13-18 अक्टूबर की मीटिंग में होगा ब्लैकलिस्ट
    07-अक्तूबर-2019
 
 
 
 
फायनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के एशिया पैसिफिक ग्रुप ने अपनी ताज़ा रिपोर्ट में कहा कि पाकिस्तान 26/11 हमले के साजिशकर्ता हाफिज सईद समेत तमाम आतंकियों पर लगाम लगा पाने में नाकामयाब रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक यूएनएसीआर 1267 की शर्तें जोकि पाकिस्तान को पूरी करनी थी, जिनमें हाफिज सईद और लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा, फलह-ए-इंसानियत जैसे आतंकी संगठनों पर पाबंदी लगाकर उनपर लगाम लगानी थी। लेकिन पाकिस्तान इन शर्तों पर खरा नहीं उतरा है।
 
 
 
 
ये रिपोर्ट उस वक्त आयी है जब यूनाइटेड नेशंस सिक्योरिटी काउंसिल के फायनेंशियल एक्शन टास्क की मीटिंग 13 से 18 अक्टूबर के बीच पेरिस में होने जा रही है। जहां पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट किये जाने के फैसले पर अंतिम विचार होगाफिलहाल ग्रे-लिस्ट में शामिल पाकिस्तान को पिछले साल से लेकर अब तक एफएटीएफ ने 3 बार मौके दिये हैं कि अक्टूबर से पहले वो आतंकियों पर लगाम लगाकर हालात सुधार लें। लेकिन पाकिस्तान ने इस मौके को गंवा दिया। ये डेडलाइन सितंबर महीने में समाप्त हो चुकी है।
 
 
 
एपीजी की रिपोर्ट में पाकिस्तान के बारे में कहा गया कि पाकिस्तान को चाहिए की वो मनी-लॉन्ड्रिंग और टेरर फायनेंसिंग के नेटवर्क को पहचानकर खत्म करे। पाकिस्तान में फिलहाल इस्लामिक स्टेट, अल-कायदा, जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन, फलह-ए-इंसानियत और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठन मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फायनेंसिंग के नेटवर्क के जरिये अपना संगठन चला रहे हैं।
 
 
 
जानकारों की माने तो चीन एफएटीएफ में पाकिस्तान को बचाने की पूरी कोशिश करेगा, लेकिन पाकिस्तान टेरर फायनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर काबू पाने के एक साल के समय को गंवा चुका है। इसीलिए चीन के लिए भी इस बार पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट होने से बचाना मुश्किल होगा।