5,300 पीओजेके विस्थापित परिवारों को मिला 70 साल बाद मिला न्याय, मोदी सरकार ने दी प्रत्येक परिवार 5.5 लाख की आर्थिक सहायता को मंजूरी
    09-अक्तूबर-2019

 
केंद्र सरकार ने आज 1947 में पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर (पीओजेके) से विस्थापित 5300 परिवारों को बड़ी राहत के फैसले को मंजूरी दे दी। इस फैसले के तहत जम्मू कश्मीर समेत देश के तमाम परिवारों को 5.5 लाख रूपय़े प्रति परिवार की आर्थिक सहायता दी जायेगी। बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में 1947 में विस्थापित हुए इन परिवारों की दशकों पुरानी मांग पूरी करने का फैसला लिया गया।
 
 
आपको बता दें कि 30 नवंबर 2016 में मोदी सरकार ने पीएस डेवलपमेंट पैकेज के तहत पीओजेके विस्थापितों के लिए रीहैबिलिटेशन पैकेज को मंजूरी दी थी। जिसके बाद 36,384 परिवारों को 5.5 लाख आर्थिक सहायता पैकेज दिया गया जा चुका था। जिसमें 26, 319 परिवार ऐसे थे, जोकि 1947 में पीओजेके से विस्थापित होकर जम्मू कश्मीर में बसे थे। जबकि 10,065 परिवार 1965 और 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान पीओजेके-छंब एरिया से विस्थापित होकर जम्मू कश्मीर में आये थे।
 
 
लेकिन 5300 परिवार ऐसे थे, जोकि 1947 में पीओजेके से विस्थापित होकर जम्मू कश्मीर में ना जाकर देश के अन्य हिस्सों में बसे थे और बाद में फिर से जम्मू कश्मीर चले गये। उनको 2016 के रीहैबिलिटेशन पैकेज के तहत मुआवजा नहीं मिला था। लेकिन मोदी सरकार ने इन परिवारों के लिए राहत पैकेज को मंजूरी देकर एक और बड़ा कदम उठाया है।
 
 
 
 
कौन हैं पीओजेके विस्थापित परिवार?
 
22 अक्टूबर 1947 के महाराजा हरि सिंह द्वारा जम्मू कश्मीर का भारत का अधिमिलन करने की फैसले से पहले ही पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर पर हमला कर दिया और जम्मू कश्मीर का बड़ा हिस्सा अपने कब्जे में कर लिया। इस हमले के दौरान पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर से करीब 50 हजार से ज्यादा परिवार विस्थापित हुए। जोकि जम्मू कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में बसे, इनमें से करीब 5300 परिवार जम्मू कश्मीर में न बसकर देश के अन्य हिस्सों में बसे। लेकिन बाद में वो जम्मू कश्मीर में जाकर बसे। इन 5300 परिवारों को पिछले 72 सालों तक अपने अधिकारों के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा।
 
 
न तो उनको जम्मू कश्मीर में पीआरसी मिला, न ही कोई मुवाअजा। 1971 में जम्मू कश्मीर सरकार ने विस्थापित परिवारों के लिए द जम्मू कश्मीर डिस्पलेस्ड पर्सन्स (परमानेंट रीसेटलमेंट) एक्ट 1971 बनाया। इसके बाद 1978 में Rajay Sabha Committee on Petitions (Persons uprooted from Pak occupied areas of J&K State), इसके बाद 2013 में बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी की अध्यक्षता में सब-कमेटी बनी। जिन्होंने विस्थापितों का आर्थिक सहायता देने के लिए सिफारिश की। पार्लियामेंट्री कमेटी की सिफारिशों के बावजूद इन परिवारों को कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली।
 
लेकिन 2014 में बीजेपी सरकार आने के बाद पीओजेके स्थापितों को फिर से उम्मीद जगी। जिसको 2016 में मोदी सरकार ने पूरा किया। लेकिन उस वक्त भी 36, 384 परिवारों को ही मुआवजा मिला। इसमें भी 5300 परिवार बचे रहे। जिनको बाबूशाही और लोकल राजनीति के चलते न पीआरसी दी गयी थी और ना ही आर्थिक सहायता।