राम मंदिर पक्ष में फैसला आने से बौखलाया पाकिस्तान, भारत ने दिया करारा जवाब
   10-नवंबर-2019
 
 
 
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाकिस्तान के कई मंत्री और नेता फैसले को लेकर बेतुके बयान दे रहे है। जिसके बाद भारत ने पाकिस्तान को जवाब देते हुये कहा है कि यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है। शनिवार को भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पाँच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति से विवादित जमीन पर फैसला रामलला के पक्ष में सुनाया और मुस्लिम पक्ष को अलग पाँच एकड़ जमीन मस्जिद के लिये देने का निर्देश दिया है।
 
 इस फैसले के बाद भारत में जहां सभी तरफ से संतुलित प्रतिक्रिया आ रही है। वहीं पाकिस्तान इस फैसले से बौखलाया हुआ है। हालांकि कुछ पाकिस्तानी भारत के इस फैसले का समर्थन भी कर रहे है और पाकिस्तानी नेताओं को आईना दिखा रहे। भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को जवाब देते हुये कहा कि “हम एक सिविल मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पाकिस्तान द्वारा की गयी अनुचित टिप्पणियों को खारिज करते हैं, यह मामला पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है”।
 
 
 
 
पाकिस्तान सेना प्रवक्ता को ट्वीटर यूजर्स ने दिया जवाब
 
 
पाकिस्तान सेना प्रवक्ता आसिफ गफूर ने ट्वीट कर के कहा ''दुनिया ने एक बार फिर से अतिवादी भारत का असली चेहरा देख लिया है, पाँच अगस्त को कश्मीर का भारत ने संवैधानिक दर्जा ख़त्म किया और आज बाबरी मस्जिद पर फ़ैसला आया। दूसरी तरफ़ पाकिस्तान दूसरे धर्म का आदर करते हुए गुरु नानक के सेवकों के लिये करतारपुर कॉरिडोर खोल दिया है।
 
 
आसिफ गफूर के इस ट्वीट के बाद पाकिस्तानी यूजर्स ने उन्हें खूब खरी खोटी सुनायी।
 
 
एक यूजर ने लिखा कि “पाकिस्तानी होने के नाते मैं कहूंगा कि यह अच्छा निर्णय है। बाबर, उसने हिन्दू मंदिर पर आक्रमण किया और वहां मस्जिद बनायी। बाबर या किसी अन्य आतंकवादी के बीच कोई अंतर नहीं है। आसिफ गफूर जैसे लोग हमेशा अराजकता और हिंसा पैदा करने की कोशिश करेंगे”।
 
 
 
 
 
एक अन्य पाकिस्तानी पत्रकार ने भी पाकिस्तान सरकार को जवाब देते हुये ट्वीट किया कि, विडंबना है कि पाकिस्तान बाबरी मस्जिद पर अयोध्या फैसले से दुखी हो रहा है। वहीं पाकिस्तान के हासिलपुर पंजाब प्रांत में अहमदया मस्जिद नष्ट हो गयी, सिंध में एक पाकिस्तानी हिंदू लड़की की रेप करके हत्या कर दी गयी है। करतारपुर कॉरिडोर सिखों के लिये खोला गया है लेकिन पख्तूनख्वा सिखों की मांग पर किसी का ध्यान नहीं गया। इन घटनाओं पर पाकिस्तान को दुख नहीं होता है। बता दें कि पाकिस्तान अपने देश की आवाम की आवाज नहीं सुनती है।