पाकिस्तान आतंकियों के खिलाफ नहीं कर रहा कार्रवाई, आतंकियों की भर्ती जारी – अमेरिका
   02-नवंबर-2019

 
 
पाकिस्तान अपने देश में स्थित आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। आतंकी संगठन खुलेआम आतंकियों की भर्ती कर रहे है। अमेरिका ने शुक्रवार को कंट्री रिपोर्ट ऑन टेररिज्म 2018 जारी किया है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतंकियों की फंडिंग, भर्ती और उनकी ट्रेनिंग रोकने में नाकाम रहा है। रिपोर्ट में पाकिस्तान को अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के लिये सुरक्षित पनाहगार भी बताया गया है। यहां के राजनेताओं ने तालिबान को खुलेआम समर्थन भी दिया है। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकी संगठन लगातार बड़ी संख्या में आतंकियों की भर्ती कर रहे है। लेकिन पाकिस्तान इन आतंकी गतिविधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।
 
 
 
टेरर फंडिंग रोकने में पाकिस्तान नाकाम
 
रिपोर्ट के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और जमात-उद-दावा आतंकी संगठन की फंडिंग में लगातार बढ़ोतरी हुयी है। पाकिस्तानी सरकार टेरर फंडिग पर लगाम लगाने में नाकाम रही है।
 
पाकिस्तान में आतंकी लड़ते है चुनाव
 
बीते साल जुलाई 2018 पाकिस्तान आम चुनाव में लश्कर-ए-तैयबा का सरगना और मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद ने राजनीतिक पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) बनाकर चुनाव लड़ा था।
 
आतंकी संगठनों ने पड़ोसी देशों के साथ पाकिस्तान के बलूचिस्तान और सिंध प्रांत में भी कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया है। बता दें कि बलूचिस्तान और सिंध प्रांत में हिंदूओं की आबादी वाला प्रांत है, इसीलिये आतंकी उन्हें निशाना बनाते है।
 
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को फरवरी 2020 तक का दिया समय
 
टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे-लिस्ट में डाला था। उसे 27 सूत्रीय योजना को लागू करने के लिए 15 महीने की डेडलाइन दी गयी थी, जो सितंबर 2019 में खत्म हो गयी। इसके बाद एफएटीएफ ने अक्टूबर में पाकिस्तान को टेरर फंडिंग रोकने और आतंकियों के ऊपर कार्रवाई करने का आखरी मौका देते हुये फरवरी 2020 तक का समय दिया है।