J&K- घाटी में जल,थल,वायु सेना की विशेष संयुक्त टीम हुयी तैनात, जल्द होगा आतंक का सफाया
   24-नवंबर-2019

 
जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद का सफाया करने के लिये रक्षा मंत्रालय ने जल,थल और वायुसेना की विशेष संयुक्त टीमों की तैनाती की  है। रक्षा सूत्रों ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि विशेष सुरक्षाबलों की टीम में थलसेना की पैरा, नौसेना की मरीन कमांडोज (मारकोस) और भारतीय वायुसेना की गरूड़ स्पेशल फोर्सेज शामिल है। घाटी में इन सुरक्षाबलों की तैनाती रक्षा मंत्रालय द्वारा नव स्थापित आर्म्ड फोर्स स्पेशल ऑपरेशन डिवीजन तहत किया गया है।
 
तीनों सेनाओं के विशेष बलों को घाटी में तैनात करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो गयी थी। सबसे पहले थल सेना की पैरा को श्रीनगर के निकट आतंक प्रभावित इलाकों में तैनात किया गया था। वहीं मारकोस कमांडोज की तैनाती वुलर झील के आसपास की गयी है, जबकि वायुसेना के जवानों को लोलाब और हाजिन इलाके में तैनात किया गया है। इस क्षेत्र में वायु सेना के विशेष बलों की सफलता दर अधिक है। वायु सेना के जवानों ने ऑपरेशन रक हाजिन में एक ही बार में छह आतंकवादियों को मार गिराया था। हालांकि इस घटना में कॉर्पोरल जेपी निराला शहीद हो गये थे, उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था।
 
 
 
 
 
जल और वायुसेना बलों को जल्द ही पूरी तरह से आतंकवाद विरोधी अभियान में शामिल कर लिया जायेगा। हालांकि घाटी में मारकोस और गरूड़ की छोटी टीमें अभी सक्रिय रूप से काम कर रही है। ऐसा पहली बार है, जब जम्मू-कश्मीर राज्य में तीनों सेनाओं के जवान एक साथ काम करेंगे।
 
रक्षा सूत्रों ने बताया कि कश्मीर में संयुक्त विशेष बलों की तैनाती का उद्देश्य जवानों को संयुक्त रूप से कार्रवाई करने का माहौल देना है। तैनाती से पहले इन सभी सुरक्षाबलों ने दो महत्वपूर्ण अभ्यास सत्रों में हिस्सा लिया था। पहला अभ्यास कच्छ इलाके में हुआ था, जबकि दूसरा अभ्यास अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में हुआ था। बता दें कि नव स्थापित आर्म्ड फोर्स स्पेशल ऑपरेशन डिवीजन के पहले प्रमुख मेजर जनरल अशोक धींगरा हैं।