पीओजेके में टेरर कैंप स्थापित कर कश्मीर में जेहाद करना चाहता था लंदन ब्रिज पर मारा गया पाकिस्तानी मूल का आतंकी उस्मान खान
   30-नवंबर-2019
 
 
शुक्रवार को लंदन के ऐतिहासिक ब्रिज पर एक और आतंकी हमले से पूरा ब्रिटेन सहम गया। इस हमलावर की पहचान पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक उस्मान खान के तौर पर हुई है। जिससे बारे में बेहद चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, ताज़ा खुलासे के मुताबिक इस्लामिक जेहाद में यकीन रखने वाला 28 साल का उस्मान खान अल-कायदा से प्रेरित था और पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर के हिस्से में एक टेरर कैंप स्थापित करना चाहता था। जिसका इस्तेमाल वो जम्मू कश्मीर में जेहाद के लिए करना था, ताकि यहां पूरे इस्लामिक शरिया लागू किया जा सके।
 
 
जनवरी, 2012 में आतंकी हमले की साजिश में दोषी ठहराये जाने के फैसले में टेरर कैंप स्थापित करने की जिक्र किया गया था। जिसके मुताबिक पीओजेके में उस्मान खान के परिवार की जमीन भी है, जहां एक मस्जिद है। उस्मान यहीं पर अपने अन्य पाकिस्तानी मूल के साथी नजम हुसैन के साथ मिलकर टेरर कैंप स्थापित करने की कोशिश में था। जिस प्लान के मुताबिक उस्मान और नजम हुसैन दोनों मिलकर पहले वहां आतंकियों को ट्रेनिंग देंगे, जिनका इस्तेमाल कश्मीर में किया जायेगा और फिर इन्हीं आतंकियों का इस्तेमाल ब्रिटेन में किया जाना तय हुआ था।
 
 

 
 
 
इसके लिए दोनों ने पीओजेके में पारिवारिक जमीन पर पहले से मौजूद मस्जिद के साथ मदरसा स्थापित करने के लिए फंड जुटाना शुरू कर दिया था। इसी मदरसे का इस्तेमाल टेरर कैंप के तौर पर होना था। जहां आतंकियों को ट्रेनिंग देकर जम्मू कश्मीर में शरिया लागू किया जाये।
 
 
लेकिन उससे पहले ही खुफिया एजेंसी की सूचना के आधार पर पुलिस ने पूरे मॉड्यूल को गिरफ्तार कर लिया था।
 
 
 
 
 
आपको बता दें कि शुक्रवार को पाकिस्तानी मूल के आतंकी उस्मान खान ने 2 लोगों की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी, जबकि 3 अन्य को घायल कर दिया था। जिसके बाद स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने उस्मान को ढेर कर दिया।
 
 
उस्मान खान पाकिस्तानी मूल का ब्रिटिश शहरी था, जोकि स्टैफॉर्डशायर में रहता था। इससे पहले 2012 में अल-कायदा द्वारा रचे गये आतंकी हमले की साजिश में दोषी ठहराया गया था। तब उस्मान खान को अन्य साथियों के साथ क्रिसमस पर लंदन स्टॉक एक्सचेंज, अमेरिकन एंबेसी के साथ तत्कालीन लंदन मेयर और मौजूदा प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के घर पर आतंकी हमले की साजिश का दोषी पाया गया था। तब उस्मान की उम्र मात्र 20 साल के आसपास थी।
 
 
 
सज़ा सुनाते हुए जज ने उस्मान खान और नजम हुसैन के गंभीर जेहादी करार दिया था।
 
 
 
 
 
 2011 में अन्य जेहादी साथियों के साथ उस्मान खान 
 
 
लेकिन बाद में सज़ा पूरी होने पर उस्मान को इलैक्ट्रिक टैग के साथ रिहा कर दिया गया। जिसके ट्रैवल करने पर पाबंदी थी। लेकिन शुक्रवार को उस्मान लंदन ब्रिज पर फिशमोंगर्स हॉल में एक क्रिमिनल कांफ्रेंस में हिस्सा लेने के लिए पहुंचा जहां वो एक फेक-सुसाइड वेस्ट भी पहने हुए था। यहीं पर उस्मान खान ने चाकू से हमला करना शुरू कर दिया।