आर्टिकल 370 हटने के 3 महीने पूरे, प्रीपेड और इंटरनेट पाबंदी पर सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी कोई राहत
   05-नवंबर-2019

 
5 नवंबर को आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निष्प्रभावी बनाये जाने को 3 महीने पूरे हो गये। मोबाइल प्रीपेड सर्विस और इंटरनेट सर्विस पर पाबंदी के अलावा जम्मू कश्मीर और लद्दाख में किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं है। हालात लगातार सामान्य बने हुए हैं। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट जम्मू कश्मीर से संबंधित 2 याचिकाओं पर बहस हुई। पहली, एनाक्षी गांगुली की याचिका पर सुनवाई हुई। जिसमें 5 अगस्त के बाद नाबालिग संदिग्धों को हिरासत में लेने के स्टेटस को लेकर सुनवाई हुई। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की 4 जजों वाली जुवैनाइल जस्टिस कमेटी को आदेश दिया है कि वो सुप्रीम कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट जमा करें। इस मामले में आगे की सुनवाई 3 दिसंबर को होगी।
 
 
दूसरे मामले में संचार संबंधी पाबंदियों के विरोध में दायर याचिका की सुनवाई की गयी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने कोई फौरी राहत नहीं दी। द कश्मीर टाइम्स की एग्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन की याचिका पर अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने अपना पक्ष रखा।
 
 
अपना पक्ष रखते हुए वृंदा ग्रोवर ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि 90 दिन बीत चुके हैं। कश्मीर घाटी में इंटरनेट, मोबाइट डाटा, प्रीपेड सर्विस और एसएमएस सर्विस अभी भी शुरू नहीं की गयी है। इससे मीडिया को अपनी जॉब करने में खासी दिक्कत हो रही है। कोर्ट ने मंगलवार पर इसकी सुनवाई को स्थगित कर दिया और अब बुधवार को इस मामले में आगे सुनवाई जारी रहेगी। यानि मंगलवार को भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कोई फैसला नहीं दिया।