1 दिसंबर,1989; कश्मीरी हिंदूओं पर आतंकी हमलों का इतिहास- श्रीनगर में बिजनेसमैन अजय कपूर की सरेबाज़ार नशृंस हत्या
   02-दिसंबर-2019
 
Kashmiri Pandit Story  aj
 
 
दिसंबर 1989 आते-आते कश्मीर घाटी में इस्लामिक आतंकियों ने हिंदूओं को निशाना बनाने की प्लान तेज़ कर दिया था। जेकेएलएफ और अन्य इस्लामिक संगठनों से जुड़े आतंकी 2 जानी-मानी हस्तियों समाजसेवी टीकालाल टपलू और रिटायर्ड जज नीलकंठ गंजू को अपना निशाना बना चुके थे। इसके अलावा अन्य 2 महिलाओं की भी हत्या की थी। जिसमें चडूरा, बड़गाम में प्रभावती और श्रीनगर में शीला कौल का नाम शामिल था। लेकिन अभी तक हिंदूओं का पलायन शुरू नहीं हुआ था। जाहिर है आतंकियों ने हिंदूओं में डर पैदा करने के लिए रसूखदार बिजनेसमैन को निशाना बनाने का प्लान बनाया।
 
 
आतंकियों ने श्रीनगर के बिजनेसमैन अजय कपूर को निशाना बनाया। एस.आर गंज के पोस्ट ऑफिस के पास रहने वाले 49 वर्षीय अजय कपूर एक विनम्र स्वभाव और धार्मिक प्रवृति के सफल बिजनेसमैन थे। घर में पत्नी के साथ एक 25 साल का बेटा और 15 साल की बेटी थी। 1 दिसंबर 1989 को जब अजय कपूर अपने इलाके में ही भरे बाज़ार से गुजर रहे थे, तभी आतंकियों ने उनको घेर लिया और अंधाधुंध गोलियां बरसाकर घायल कर दिया। अजय घंटों तक घायल अवस्था में सड़क पर पड़े रहे, लेकिन किसी ने भी उनको अस्पताल पहुंचाने या उठाने तक की कोशिश नहीं की।
 
 
पुलिस जबतक मौके पर पहुंची, अजय कपूर वीरगति को प्राप्त कर चुके थे। पुलिस ने अनजान लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया, लेकिन हत्यारे कभी हाथ नहीं आये।
 
 
इस हत्या के बाद श्रीनगर और घाटी के हिंदू व्यापारियों में भारी डर का माहौल पैदा हुआ। जिसके बाद व्यापारियों ने जमा-जमाया सफल बिजनेस समेटना शुरू कर दिया और औने-पौने दाम पर अपनी दुकानें बेचकर घाटी छोड़ना आरंभ कर दिया।