इमरान ने 3 मंत्रियों को सौंपी जनरल बाजवा के एक्सटेंशन की जिम्मेदारी, विरोध में आधा दर्जन जनरलों ने संभाला मोर्चा
   02-दिसंबर-2019
 
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने टॉप 3 फेडरल मिनिस्टर्स की एक कमेटी बनायी है। जोकि आने वाले समय में जनरल बाजवा के एक्सटेंशन के लिए कानून ड्राफ्ट करने और पार्लियामेंट में पास करवाने की जिम्मेदारी संभालेगी। इस कमेटी में विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, रक्षामंत्री परवेज़ खट्टक और योजना मंत्री असद उमर नामित किये गये हैं।
 
 
दरअसल पिछले हफ्ते पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान सरकार को 6 महीने का वक्त देते हुए आर्मी जनरल के एक्सटेंशन को लेकर कानून बनाने की समयसीमा तय की थी। इस वक्त के दौरान इमरान सरकार को कानून ड्राफ्ट कर पार्टियामेंट के दोनों सदनों में पास कराना होगा। इस दौरान जनरल बाजवा अपने पद पर बने रहेंगे।
 
 
पार्लियामेंट के दोनों सदनों में ये बिल पास कराना इमरान सरकार के लिए आसान नहीं होगा। इसके लिए इमरान सरकार को पीपीपी और पीएमएल-एन की मदद चाहिए होगी। इसीलिए तीनों मंत्रियों की जिम्मेदारी नये बिल को ड्राफ्ट करने के लिए अलावा इन दो प्रमुख विरोधी दलों को मनाने की भी होगी।
 
 
सत्ताधारी पीटीआई नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद से ही बिलावल भुट्टों की पीपीपी और नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन का समर्थन जुटाने के लिए बयान देने शुरू कर दिये थे। सूत्रों के मुताबिक पीएम इमरान खान इस बाबत समर्थन जुटाने के लिए खुद बिलावल भुट्टो और शाहबाज़ शरीफ (नवाज शरीफ के भाई) से मुलाकात करने को तैयार हैं।
 
 
 
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रक्षामंत्री परवेज खट्टक, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और योजना मंत्री असद उमर के साथ प्रेस कांफ्रेंस के दौरान 
 
 
 
हालांकि दोनों विरोध दलों ने अभी अपने पत्ते नहीं खोलें हैं, हालांकि इससे पहले दोनों पार्टियां जनरल बाजवा के एक्सटेंशन की विरोधी रही हैं।
 
 
आर्मी जनरलों ने खोला अपने चीफ के एक्सटेंशन के खिलाफ मोर्चा
 
एक तरफ इमरान खान सरकार जनरल बाजवा को 3 साल का एक्सटेंशन देने के लिए पूरा ज़ोर लगा रही है। दूसरी तरफ पाकिस्तान आर्मी के ही कम से कम आधा दर्जन लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों ने एक्सटेंशन के खिलाफ पूरा ज़ोर लगा रखा है। आर्मी चीफ बाजवा को अगर तीन साल का यानि नवंबर 2022 तक एक्सटेंशन मिलता है तो इन अधिकारियों समेत कुल 22 जनरल और लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी जनरल बाजवा से पहले रिटायर हो जायेंगे। जिससे ये जनरल रैंक के अधिकारी खासे नाराज हैं।
 
सूत्रों के मुताबिक इन नाराज अधिकारियों में मुल्तान कॉर्प्स कमांडर ले. जनरल सरफराज सत्तार, नदीम रजा, हुमायूं अजीज, नईम अशरफ, शेर अफगान और काजी इकराम शामिल हैं। सितंबर महीने में इन अधिकारियों ने आर्मी टॉप ब्रास की एक मीटिंग में खुलेआम जनरल बाजवा का विरोध भी किया था।
 
 
जिसके बाद मुल्ला फजलुर्रहमान का धरने के दौरान भी ये खबरें सामने आयी थी कि इस्लामाबाद के मुल्ला के धरने के पीछे इन्हीं नाराज़ जनरलों का हाथ था। कुछ अन्य खबरों के मुताबिक इन अफसरों ने टीवी पर डिबेट में शामिल होने वाले विशेषज्ञों को भी जनरल बाजवा के एक्सटेंशन का विरोध करने के लिए कहा है। जिसका असर पाकिस्तान की टीवी डिबेट्स में देखने को मिल रहा है।
 
 
इन अफसरों ने विरोधी दलों से भी संपर्क कर इमरान खान सरकार के फैसले का विरोध करने को कहा है। जिसकी स्पष्ट तस्वीर आने वाले समय में देखने को मिल सकती है।