आतंक की राह पर भटके कश्मीरी नौजवानों को केंद्र सरकार देगी एक और मौका, सरेंडर करेंगे तो नहीं होगा कोई केस
   13-Feb-2019
 
 
कश्मीर घाटी में शांति बहाली और आतंक की राह पर भटके नौजवानों को सही राह पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने एक और पहल शुरू करने जा रही है। खबरों के मुताबिक नई दिल्ली में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल ऐसी योजना तैयार कर रही है। जिसके तहत हथियार छोड़ मेनस्ट्रीम में आने वाले आतंकी को न सिर्फ पुलिस कार्रवाई से छूट मिलेगी, बल्कि नये सिरे से ज़िंदगी शुरू करने के लिए लोन की शक्ल में फायनेंशियल हेल्प भी मिलेगी। पिछले हफ्ते नॉर्दन कमांडर रणबीर सिंह ने दावा किया था कि घाटी में 400 से 450 आतंकी सक्रिय हैं। ऐसे में इन आतंकियों के पास ये शानदार मौका होगा, दोबारा अपनी नॉर्मल लाइफ जीने का। आतंकी सरेंडर करते हैं तो होंगें ये फायदें-
 
 
1. कोई आतंकी हथियार छोड सरेंडर करता है तो उसपर कोई पुलिस या कोई और विभागीय कार्रवाई नहीं होगी। चाहे वो किसी भी तरह के क्राइम में शामिल रहा हो।
 
2. दोबारा बेहतर नॉर्मल लाइफ बिताने के लिए उनके स्पेशल छूट के साथ लोन और दूसरी वित्तीय सहायता भी देने का प्लान है।
3. साथ ही उनके या उनके बच्चों की पढाई के लिए भी वित्तीय सहायता देने का प्रावधान इस पॉलिसी में रखा जा रहा है।
 
4. अगर कोई बाहर देश में जॉब करना चाहता है, तो सरकार उसमें भी पूरी मदद की जायेगी। किसी तरह की कोई रूकावट और बाधा को दूर किया जायेगा।
 
5. इस प्लान के तहत हर 2 साल में पूर्व आतंकी की सोशल स्क्रूटनी की जायेगी। ताकि ये जाना जा सके कि क्या वो पूरी तरह से नॉर्मल लाइफ में लौट आया है या किसी तरह कोई दिक्कत आ रही है।
 
 
जाहिर है जब ऐसी सुविधाएं मिल रही हों तो आतंक का रास्ता छोड़ना एक वरदान साबित हो सकता है। क्योंकि 2018 के आंकड़ों के मुताबिक घाटी में एक आतंकियों के करियर की लाइफ सालों से घटकर कुछ दिनों तक रह गयी है।