पुलवामा हमले के बाद भी सिद्धु को नज़र नहीं आ रहा आतंक का देश और मजहब, कहा- “आतंकवाद का ना मजहब, ना जात और ना कोई देश”
पाकिस्तान में आतंकियों के आका जनरल बाजवा को गले लगाने वाले और इमरान की दोस्ती के कसीदे पढ़ने वाले कांग्रेसी नेता नवजोत सिंह सिद्धु अभी भी पाकिस्तान के प्यार में इतने डूबें हैं कि उन्हें पाकिस्तान का आतंकी चेहरा नज़र ही नहीं आ रहा। पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कड़ी निंदा तो की। लेकिन चंडीगढ़ में नवजोत सिंह सिद्धू से जब पत्रकारों ने पूछा कि पाकिस्तान की इस हरकत पर आपका क्या कहना है? तो नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि “जो घटना हुई है, वह कायरतापूर्ण है. उसकी वह निंदा करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई देश नहीं होता, आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता, उनकी कोई जात नहीं होती।“
साफ है आतंक की ऐसी निंदा से क्या मतलब जिसमें आतंक के आका को ही छूट दे दी जाये। हालांकि सिद्धू ने पुलवामा आतंकी हमले को कायरतापूर्ण कार्यवाही करार दिया और कहा कि जो भी लोग इस आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार हैं, उन पर कार्यवाही होनी चाहिए।
सारी दुनिया जान रही है, कि इसके लिए पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी, उनको पालने वाली आईएसआई और पाकिस्तानी आर्मी, जिसका मतलब है कि सीधे-सीधे सरकार, जिम्मेदार है। तो सिद्दु के लिए आखिर ऐसी क्या मुश्किल है कि वो पाकिस्तान की निंदा नहीं कर पाये। क्या अभी भी वो इमरान खान सरकार को बचाना चाहते हैं। जवाब जनता समझ रही है।
वहीं पत्रकारों ने एक सवाल और पूछा कि क्या इस हमले की वजह से करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण और खुलने पर कोई असर पड़ सकता है, तो इस सवाल को सिद्धू टाल गए. सिद्धू बोले कि क्या इससे ज्यादा कुछ बोलना जरूरी है?
इस पर बोलना ज़रूरी भले ही न हो, लेकिन पाकिस्तान पर बोलना ज़रूरी था, देश के एक राज्य के मंत्री होने के नाते। जो वो बोल नहीं पाये।