पाकिस्तान ने कश्मीर हमले से एक दिन पहले ईरान में भी किया था बिल्कुल पुलवामा जैसा आत्मघाती हमला, मारे गये थे 27 ईरानी सैनिक
   17-Feb-2019
 
 
ईरान ने कहा- पाकिस्तान को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी
 
 
पाकिस्तान में पनपने वाले आतंकवाद से सिर्फ भारत और अफगानिस्तान ही शिकार नहीं है, बल्कि ईरान भी लगातार आतंकी हमले झेल रहा है। 13 फरवरी को पाकिस्तानी पोषित आतंकियों ने ईरान में ठीक उसी स्टाइल में आत्मघाती हमला किया, जैसे एक दिन बाद पुलवामा में किया गया था। पुलवामा हमले से एक दिन पहले पाकिस्तान पोषित आतंकी ग्रुप जैश-अल-अद्ल के आत्मघाती हमलावर ने ईरान के सिस्तान-बलूचेस्तान इलाके में इलीट रेवॉल्यूशनरी गार्ड्स पर हमला किया। जिसमें 27 गार्ड्स मारे गये थे और 41 घायल हो गये थे।
 
 
ये इलाका पाकिस्तान-अफगानिस्तान और ईरान की सीमाओं से सटा इलाका है। यहां सुन्नी आतंकी संगठन जैश-अल-अद्ल की आतंकी गतिविधियां काफी बढ़ गयी हैं। ये आतंकी पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहे हैं। ईरान में इस्लामिक रेवोल्यूशन के 40 साल पूरे होने से 2 दिन पहले वहाबी सुन्नी आत्मघाती हमलावर ने एक्सप्लोसिव से भरे ट्रक को रेवोल्यूशनरी गार्ड्स को ले जा रही बस से टकराकर धमाका कर दिया था।
 
जेैश-अल-अद्ल वहाबी-सलफी सुन्नी आतंकी संगठन है, जोकि 2012-13 में बना। इसका हेडक्वार्टर बलूचिस्तान, पाकिस्तान में है।  जोकि ईरान के उत्तरी-पूर्वी इलाके सिस्तान-बलूचेस्तान में ऑपरेट करता है। ये संगठन ईरान में कई बड़े धमाके कर चुका है। भारत और जापान ने इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित कर रखा है। 
 
 
ईरान एक शिया मुल्क है, लेकिन यहां सुन्नी आबादी 4-8 फीसदी है, जोकि शिया सरकार के खिलाफ अलगाववादी रूख का समर्थन करती है। पाकिस्तान आईएसआई और सऊदी वहाबी आतंकी संगठनों की शह पर यहां अक्सर आतंकी वारदातें होती रहती हैं। आतंकी पाकिस्तान से ऑपरेट करते हैं, जिससे ईरान कार्रवाई नहीं कर पाता।
 

 
रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के के जनाजे में उमड़ी भीड़ 
 
 
एक और आत्मघाती हमले के बाद ईरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बहराम कासिमी ने जल्द ही इस हमले का बदला लेने का दावा किया है। साथ ही ईरानी इस्लामिक रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर अली फादवी ने भी पाकिस्तान को सीधे चुनौती है कि वो अपनी हद में रहे और ईरान जल्द ही इस हमले का बदला ज़रूर लेगा।
 
 
ऊधर पाकिस्तान ने दक्षिण एशिया में बदलते माहौल को भांपते हुए सऊदी अरब से पींगे बढानी शुरू कर दी है। पीएम बनने के बाद इमरान खान 3 बार सऊदी अरब का दौरा कर चुके हैं। पाकिस्तान को उम्मीद है इससे न सिर्फ उनको डॉलर का फायदा होगा, बल्कि उनके अज़ली दुश्मन ईरान को भी साधने में आसानी होगी। रविवार शाम सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान भी पाकिस्तान आने वाले हैं। देखना ये है कि सऊदी प्रिंस पाकिस्तान को आतंक के दाग से कितना बचा पाता है।