शहीदों का और कितना अपमान करेंगे सिद्धू, सीएम CM के आदेश बावजूद पुलवामा में शहीद के अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचे सिद्धू
   17-Feb-2019
 
 
कांग्रेसी नेता और पंजाब के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू शहीद के प्रति अपमान के नित नये प्रतिमान गढ़ते जा रहे हैं। पुलवामा हमले के बाद सिद्धू ने एक बार भी पाकिस्तान को जिम्मेदार नहीं ठहराया। लेकिन संडे को सिद्धू ने एक और गुस्ताखी की। दरअसल पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने एक प्रेस रीलिज कर बताया था कि पंजाब के 4 शहीद जवानों की अंतिम यात्रा में पंजाब सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर कौन कौन जायेगा। इसके लिए 4 कैबिनेट मंत्रियों की ड्यूटी लगाई गयी थी। नवजोत सिद्धू को मोगा जाना था. जहां उन्हें शहीद जयमल सिंह के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेना था। इस संबंध में स्थानीय प्रशासन और विधायक को भी जानकारी दे दी गयी थी।
 
 
लेकिन सिद्दू मोगा न जाकर लुधियाना नगर निगम के कार्यक्रम में पहुंचे। जहां उन्होंने विकास कार्यों से संबंधित एक कार्यक्र्म में हिस्सा लिया।  मोगा ना आकर वो लुधियाना में नगर निगम के कार्यक्रम में पहुंचे. जहां पर उन्होंने नगर निगम के कामों को लेकर कई ग्रांट जारी की।
 

 
पिता के सल्यूट कर अंकित बिदाई देता शहीद जयमल का 5 वर्ष का बेटा
 
हालांकि अंतिम संस्कार होने के 3-4 घंटे बाद सिद्धू परिवार से मिलने पहुंचे और जल्द ही चलते बने। शहीद जयमल के परिवार के मुताबिक सिद्धू सिर्फ फॉरमैलिटी करने आये थे सिद्धू । परंपरा के मुताबिक सिद्धू को अंतिम संस्कार के वक्त पहुंचना चाहिए था।
 
साफ है नवजोत सिद्धू ने न सिर्फ शहीद का अपमान किया, बल्कि अपने सीएम अमरिंदर सिंह के आदेश की नाफरमानी भी की। ये जगजाहिर है कि बाजवा से गले मिलने के बाद सीएम अमरिंदर सिंह सिद्धू से नाराज़ हैं और कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखाना चाहते हैं। लेकिन राहुल गांधी की मेहरबानी के चलते सिद्धू नित नयीं रिकॉर्ड स्थापित कर रहे हैं।
 
आपको बता दें कि पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुआ आत्मघाटी हमले में टारगेट होने वाली बस को शहीद जयमल सिंह ही चला रहे थे। रविवार को जयमल का पार्थिव शरीर का पंजाब के मोगा जिले के ग्राम कोट ईसे खां में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। गांव के श्मशान घाट पर उनके पांच साल के बेटे ने अपने पिता को अंतिम बार सैल्यूट कर मुखाग्नि दी। जयमल को अंति विदाई देने के लिए केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल कईं बड़े नेता मौजूद थे। जयमल सिंह के बड़े भाई नसीब सिंह मलेशिया में जॉब करते हैं। खबर मिलने के बाद नसीब मलेशिया से मोगा आए हैं। शहीद जयमल के पिता ने कहा कि उनके बेटे का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। उन्हें अपने बेटे पर नाज है। पाकिस्तान को इसका मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिये।
 

 
 शोक में डूबा शहीद जयमल का परिवार