“जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर को यूएन टेररिस्ट लिस्ट में डालना चाहिए”- सऊदी अरब
   20-फ़रवरी-2019

 
पुलवामा हमले के बाद सऊदी अरब ने भी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर पर लगाम लगाने के लिए समर्थन की बात कही है। भारत के दौरे पर आये सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदिल अल-जुबैर ने एक प्राइवेट टीवी इंटरव्यू में इस बात पर जोर दिया कि “जो भी लोग आतंकवाद में शामिल हैं, वो न सिर्फ ब्लैकलिस्ट होने चाहिए, बल्कि उन पर कार्रवाई होनी चाहिए, सज़ा मिलनी चाहिए। अगर जैश-ए-मोहम्मद और इसके लीडर मसूद अजहर के खिलाफ सबूत हैं तो उन्हें ज़रूर ग्लोबल टेररिस्ट घोषित किया जाना चाहिए।”
 
 
दरअसल सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के पीएम मोदी के साथ ज्वाइंट स्टेटमेंट में जैश या मसूद अजहर का ज़िक्र न करने पर सवाल उठाये जा रहे थे। कि क्या ऐसे नाजुक मौके पर सऊदी अरब पाकिस्तानी आतंकवाद को बचाने की कोशिश में हैं। लेकिन शाम को सऊदी विदेश मंत्री द्वारा कई मीडिया हाउसेस को दिये इंटरव्यू में बार-बार इस बात पर ज़ोर दिया कि आतंकवाद के मुद्दे पर सऊदी अरब भारत के साथ है।
 
 
 
  
 
 
एनडीटीवी को दिये इंटरव्य़ू में विदेश मंत्री अदिल अल-जुबैर ने साफ तौर पर कहा कि- “हमारी पॉलिसी आतंकियों की लिस्टिंग को लेकर बहुत साफ है, अगर कोई आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है, या फिर कोई आतंकी संगठनों से जुड़ा है और लोगों की मौत का जिम्मेदार है या फिर आतंकवाद को फायनेंस करता है या बढ़ावा देता, भर्ती करता है। उस आदमी को सज़ा मिलनी चाहिए। अगर वो आपकी पहुंच से बाहर है तो उसे यूएन द्वारा आतंकी घोषित किया जाना चाहिए। ताकि वो फ्री होकर न घूम सके और जब वो पकड़ा जाये उसे सज़ा दी जाये।”
 

 
पीएम मोदी के साथ क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान 
 
 
इससे पहले दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ दिये ज्वाइंट इंटरव्यू में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी दोहराया था, कि अतिवाद और आतंकवाद के मुद्दे पर हम भारत के साथ हैं और आतंकवाद से लड़ने के लिए इंटैलीजेंस समेत हर तरह की सपोर्ट देने को तैयार हैं। हालांकि चूंकि क्राउन प्रिंस ने पुलवामा हमले का नाम नहीं लिया तो मीडिया में निराशा की खबरें लिखी जा रही थीं।