सावधान! सड़क पर सुरक्षाबलों के काफिले के मूवमेंट को क्रॉस करने की कोशिश की तो चुकानी पड़ेगी भारी कीमत
   20-फ़रवरी-2019
 
 
पुलवामा आत्मघाती हमले के बाद सुरक्षाबलों के काफिले को मूवमेंट को लेकर खासे सवाल उठे। क्या मूवमेंट के स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिज़र को फॉलो किया गया था, या ऐसे मूवमेंट के दौरान क्या एसओपी होना चाहिए। जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यापाल मलिक ने सवाल उठाया था कि इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों का मूवमेंट एक साथ नहीं होना चाहिए था। दरअसल सुरक्षाबलों के काफिले के मूवमेंट को को लेकर पहले जो नियम थे उसके अनुसार काफिला गुजरते वक्त हाईवे पर सिविलियन वाहनों की आवाजाही पर रोक थी। लेकिन बाद में जनता के दबाव में इस नियम को खत्म कर दिया गया था।
 
 
लेकिन अब पुलवामा हमले के बाद एक बार फिर नियमों की समीक्षा कर सुरक्षाबवों की मूवमेंट को लेकर नया एसओपी तैयार किया गया है। नए नियम इस प्रकार हैं, जिनको आम सिविलयंस को भी ध्यान से पढ़ना चाहिए, क्योंकि इनके उल्लंघन करना सिविलयन को भी भारी पड़ सकता है।
 
 
  
  • 1. काफिले को बिना रुके मूवमेंट करना होगा।
  • 2. काफिले के मूवमेंट के दौरान सिविलियन गाड़ियों पर रोक होगी।
  • 3. सिविलियन गाड़ियों को रोकने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस की होगी।
  • 4. काफिले की गाड़ियों पर लाल झंड़े लगे होंगे ताकि कोई लाइन क्रॉस न करे।
  • 5. लाल झंडा क्रॉस करने वाली गाड़ी को शत्रु माना जाएगा। जिस पर एहतियातन तुरंत कार्रवाई हो सकती है।
  • 6. मूवमेंट के दौरान 15-20 मिनट के लिए उसी जगह पर ट्रैफिक ब्लॉक किया जाएगा जहां से काफिला गुजर रहा है।
  • 7. सेना, पुलिस और सीआरपीएफ आपसी तालमेल के साथ काफिले के मूवमेंट को और सुरक्षित बनाने का काम करेंगे।
  • 8. सीआरपीएफ रोड ओपनिंग पार्टी (ROP) बनाने का काम जारी रखेगी।
  • 9. आर्मी हाईवे डॉमिनेशन टीम सेना के काफिले को आगे, बीच में पीछे से सुरक्षा देंगी।
  • 10. नया नियम तोड़ने वाली और ओवरटेक का प्रयास करने वाली किसी भी गाड़ी को शत्रु समझा जाएगा। तो अगर हाईवे पर आपको कोई सुरक्षाबलों का काफिला दिखे, तो नियमों का पालन करें।