चीन ने फिर दिखाया असली रंग, UNSC द्वारा जैश पर कार्रवाई की मांग को खारिज़ किया
   22-फ़रवरी-2019

यूएन सिक्योरिटी काउंसिल द्वारा जैश पर कार्रवाई के बयान के ठीक एक दिन बाद चीन ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। चीन ने यूएन द्वारा जारी किये बयान में जैश-ए-मोहम्मद के जिक्र के मायने को खारिज कर दिया है। चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि- "कल, यूएन सिक्योरिटी काउंसिल ने एक प्रैस स्टेटमेंट में एक विशेष ऑर्गनाइजेशन का जिक्र किया है, लेकिन सिर्फ General Terms में। ये पुलवामा हमले को लेकर UNSC के किसी निर्णय को प्रदर्शित नहीं करता।"
  
 
साफ है चीन ने UNSC के बयान को कमतर पेश करने की कोशिश की है। क्योंकि चीन जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर को UNSC की कार्रवाई से अब तक बचाता रहा है। पुलवामा हमले के बाद UNSC के स्टेटमेंट में भी चीन ने जैश-ए-मोहम्मद का नाम न शामिल करने पर जोर डाला था। यहां तक कि UNSC पर दबाव डालकर पुलवामा हमले को लेकर बयान को हफ्ते भर तक टाले रखा। लेकिन भारतीय डिप्लोमैट्स की जबरदस्त कोशिश के चलते भारत UNSC के बयान की भाषा अपने मुताबिक रखवाने में कामयाब रहा। आधिकारिक बयान में UNSC ने बयान में न सिर्फ पुलवामा हमले का पुरज़ोर विरोध किया, बल्कि उसके लिए जिम्मेदार जैश-ए-मोहम्मद पर भी कार्रवाई करने की बात कही। जाहिर है UNSC में चीन के लिए एक कूटनीतिक हार थी, जिससे बाद चीन UNSC के बयान को ही डाउनप्ले करने की कोशिश में जुट गया है।
 

 
 चीन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग
 
वहीं UNSC के एक और स्थायी सदस्य फ्रांस ने काउंसिल में जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर पर बैन लगाने के लिए प्रस्ताव लाने को कहा है। देखना ये है कि क्या चीन उसमें भी अपने दोस्त पाकिस्तान को बचाने के लिए वीटो का इस्तेमाल करता है या भारत का साथ देता है।